दक्षिण अफ्रीका में मिले कोरोना वायरस के नए स्वरूप (वेरिएंट) को लेकर उत्तराखंड सरकार भी सतर्क हो गई है। शनिवार को इस संबंध में सचिव स्वास्थ्य डॉ. पंकज कुमार पांडेय ने सभी जिलों को एडवायजरी जारी की है। जिसमें वेरिएंट का पता लगाने के लिए संक्रमितों के सैंपल अनिवार्य रूप से जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए राजकीय दून मेडिकल कॉलेज की प्रयोगशाला में भेजने के निर्देश दिए गए।
उत्तराखंड में बीते दो वर्षों में 3.44 लाख से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं। इसमें 7407 लोगों की मौत हुई है, जबकि 3.30 लाख से अधिक स्वस्थ हुए हैं। वर्तमान में कोरोना संक्रमितों में स्थिरता आई है, लेकिन दक्षिण अफ्रीका में कोरोना के नए वेरिएंट बी.1.1.529 मिलने से सरकार अलर्ट हो गई है। वैज्ञानिकों के मुताबिक कोरोना का यह वेरिएंट अब तक का सबसे ज्यादा संक्रामक हो सकता है। कोविड के इस वेरिएंट के अधिक म्यूटेशन पाए गए हैं।
सचिव स्वास्थ्य डॉ. पंकज कुमार पांडेय ने कहा कि कोविड के नए वेरिएंट का संक्रमण गंभीर रूप ले सकता है। इसके लिए सतर्क रहने की आवश्यकता है। कहा कि अभी तक भारत में कोविड के नए वेरिएंट का कोई मामला नहीं मिला है, लेकिन संक्रमण की रोकथाम व बचाव के लिए जिलों को एहतियात के तौर पर जिलों में विशेष सावधानी और निगरानी रखी जाए।
उन्होंने सभी जिलों के डीएम और सीएमओ को निर्देश दिए कि दूसरे देशों से आने वाले यात्रियों पर विशेष निगरानी रखने के साथ कोविड जांच अवश्य करें। केंद्र सरकार की ओर से दूसरे देशों से आने वाले यात्रियों की सूचनाएं जिलों को भेजी जाएगी। पॉजिटिव सैंपलों को अनिवार्य रूप से जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए राजकीय दून मेडिकल कॉलेज की प्रयोगशाला में भेजे जाएं। शासन की ओर से निगरानी के लिए जिला स्तर पर टीम गठित करने के निर्देश दिए गए।