मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सोमवार को कैबिनेट बैठक संपन्न हुई। जिसमें प्रदेश की आबकारी नीति 2023-24 को मंजूरी मिल गई। जिसके बाद अब प्रदेश में देशी-विदेशी शराब सस्ती हो जाएगी। उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड में शराब तस्करी को देखते हुए सरकार ने यह फैसला लिया है।
बता दें कि सचिवालय स्थित विश्वकर्मा भवन के वीर चंद्र सिंह गढ़वाली सभागार में हुई बैठक में तीन प्रस्ताव आए। इसमें पहला प्रस्ताव कोसी और गोला नदी में चलने वाले वाहनों के फिटनेस शुल्क को लेकर था। जिस पर मुख्यमंत्री पूर्व में विचलन से निर्णय ले चुके थे। दूसरा प्रस्ताव एकल आवास के नक्शों के पास करने का था। जबकि तीसरा आबकारी नीति का था। तीनों प्रस्तावों को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई।
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सोमवार को कैबिनेट बैठक होगी, जिसमें आबकारी नीति को मंजूरी मिल सकती है। इसके अलावा अन्य कई महत्वपूर्ण फैसले भी लिए जाएंगे।
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कैबिनेट के फैसले
- सौर ऊर्जा नीति को मंजूरी।
- विधायक निधि बढ़ाकर 5 करोड की।
- राज्य आंदोलनकारियों को सरकारी नौकरियों में 10% आरक्षण।
राज्य आंदोलनकारियों को नौकरी में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का वर्ष 2011 से लाभ नहीं मिल पा रहा था। पूर्व में इस विधेयक को मंजूरी के लिए राजभवन भेजा गया था, लेकिन राजभवन की ओर से कुछ आपत्ति के बाद इसे वापस लौटा दिया गया।
उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी सम्मान परिषद के पूर्व अध्यक्ष रवींद्र जुगरान के मुताबिक उन्होंने इस मसले पर मंत्री एवं सब कमेटी के चेयरमैन सुबोध उनियाल से बात की। मंत्री का कहना है कि इस सत्र में इस पर सकारात्मक कार्यवाही होगी।
जुगरान ने कहा, पिछले 11 साल में हजारों की संख्या में जो भर्ती परीक्षाएं हुईं उनमें आंदोलनकारी क्षैतिज आरक्षण कोटे से एक भी भर्ती नहीं हो पाई है। जुगरान ने कहा कि शहीदों, गोलीकांड में घायल आंदोलनकारियों, जेल गए आंदोलनकारियों और सक्रिय आंदोलनकारियों के आश्रितों को यह सम्मान मिलना चाहिए था, लेकिन उन्हें नहीं मिला।