अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश में ‘कार्डियो डायबिटिक सोसाइटी द्वारा काॅर्डियाबिकोन, उत्तराखंड व आंतरिक चिकित्सा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। केयर ऑफ़ कार्डियो डायबिटिक डिसऑर्डर इन को-मोरबिड कंडीशंस विषयक कार्यशाला में विशेषज्ञ चिकित्सकों ने व्याख्यानमाला प्रस्तुत की।
कार्यशाला में संस्थान के निदेशक डॉ. अरविंद रघुवंशी व डीन एकेडमिक डॉ. मनोज गुप्ता बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। कार्यशाला में भारत समेत विभिन्न देशों के कई मधुमेह एवं हृदय रोग विशेषज्ञ शामिल हुए। कार्यशाला के मुख्य आयोजक एवं संस्थान के मधुमेह रोग विशेषज्ञ डॉ. रविकांत ने बताया कि मधुमेह एक प्रकार की गंभीर समस्या है, जो न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व की एक बड़ी समस्या बनकर सामने आई है।
मधुमेह रोग से मानव शरीर पर बहुत गंभीर दुष्प्रभाव होते हैं। यह बीमारी विभिन्न प्रकार के हृदय रोग, महिला या पुरुष दोनों में ही नपुंसकता जैसी समस्या उत्पन्न कर सकती है।
कार्यशाला में उत्तराखंड से शामिल हुए विभिन्न मधुमेह रोग विशेषज्ञों द्वारा दूरदराज के मरीजों के लिए नवीनतम तकनीक और उपकरणों के इस्तेमाल पर जोर दिया गया। कार्यशाला के दौरान हिमालयन इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के मधुमेह रोग विशेषज्ञ डॉ. अमित वर्मा , बीएचयू से डॉ. गीता सुब्रह्मण्यम, एम्स ऋषिकेश के कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉ. बरूण कुमार, यूएसए से डॉ. आशीष अनेजा समेत कई अन्य मधुमेह रोग विशेषज्ञों ने प्रतिभाग किया और व्याख्यान प्रस्तुत किए। कार्यशाला के आयोजन में जनरल मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. मीनाक्षी धर, जनरल मेडिसिन विभाग के फैकल्टी सदस्य डा. मोनिका पठानिया, डा. प्रसन्न कुमार पंडा, डा. वेंकटेश पाई व डा. मुकेश बैरवा की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
कार्यशाला में डॉ. रोहित रैना, डॉ. अजय पाल सिंह , डॉ. पार्शिका, डॉ. प्रभात, डॉ.आशीष ,डॉ. श्रुति, डॉ. काव्य एन.पी., डॉ. श्रीधर, डॉ.कृतार्थ ने सहयोग प्रदान किया।