विश्व एड्स दिवस के उपलक्ष्य में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश के तत्वावधान में विभिन्न स्थानों पर जन-जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस दौरान नुक्कड़ नाटक व अन्य कार्यक्रमों के माध्यम से एड्स के प्रति मरीजों, उनके तीमारदारों, आम नागरिकों व स्कूली विद्यार्थियों को जागरुक कर इससे बचाव के तरीके समझाए गए।
एम्स ऋषिकेश की ओर से बुधवार को ’विश्व एड्स दिवस’ पर कम्युनिटी और फेमिली मेडिसिन विभागाध्यक्ष प्रोफेसर वर्तिका सक्सैना की देखरेख में विभाग के फेकल्टी सदस्यों, एसआर और जेआर चिकित्सकों व पीजी स्टूडेंट्स द्वारा विभिन्न स्थानों पर आम लोगों को एड्स के प्रति जागरुक किया गया।
संस्थान परिसर स्थित ट्रॉमा सेंटर के बाहर डा. मीनाक्षी खापरे के नेतृत्व में नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया,जिसमें टीम ने आम नागरिकों को नाट्य प्रस्तुति के माध्यम से एड्स के लक्षणों, बीमारी के फैलने के कारण और इससे बचाव के उपाय बताए।
एम्स के सीएफएम विभाग, जनरल मेडिसिन और अभिनय समिति के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित नुक्कड़ नाटक ’देखा जाएगा’ से मरीजों और उनके तीमारदारों को समझाया गया कि लापरवाही बरतने से यह बीमारी कितनी घातक व जानलेवा साबित हो सकती है।
बताया गया कि यह रोग एक-दूसरे को छूने से नहीं फैलता है। बल्कि असुरक्षित यौन संबंध, एचआईवी संक्रमित रक्त अथवा संक्रमित सुई के माध्यम से ही यह रोग एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। इस दौरान एमपीएच के विद्यार्थी डा. अनुपम, डॉ. गौरीखा सक्सेना व डॉ. अथुल्या आदि शामिल थे। उधर, थानों रानीपोखरी स्थित नरपाल सिंह इंटर कॉलेज में एड्स विषय पर स्वास्थ्य परिचर्चा आयोजित की गई। इस दौरान एम्स चिकित्सकों ने कक्षा 7 से 12वीं तक के विद्यार्थियों को एड्स रोग के बारे में विस्तृत जानकारी दी। स्वास्थ्य परिचर्चा के दौरान रोग के संक्रमण और इससे बचाव के तरीकों के बारे में छात्र-छात्राओं को जागरुक किया गया।
इस मौके पर डा. रोहित, डा. प्रकाश राजदीप आदि मौजूद रहे। साथ ही केंद्रीय विद्यालय, रायवाला में कक्षा 9 व 11 के छात्र-छात्राओं को एम्स के चिकित्सकों की टीम ने एड्स रोग के बारे में विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम में डा. स्मिता सिन्हा, डा. आशुतोष मिश्रा आदि मौजूद रहे।
कार्यक्रम के आयोजन में सीएफएम विभागाध्यक्ष डॉ. वर्तिका सक्सैना, जनरल मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. मीनाक्षी धर, डॉ. मुकेश बैरवा, सीएफएम के डॉ. महेंद्र सिंह, डॉ. योगेश बहुरूपी, डा. प्रदीप अग्रवाल, डा. अनुपम, डा. वंदना आदि ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।