देहरादून की त्यूणी तहसील के दुर्गम गांव डिरनाड़ में छानी में आग लगने से दो नेपाली मजदूर जिंदा जल गए। आग इतनी विकराल थी कि छानी के आसपास के सेब के कई पेड़ भी झुलस गए। राजस्व पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिए। चूल्हे की चिंगारी से आग लगने की आशंका जताई जा रही है। राजस्व पुलिस मामले की जांच कर रही है।
जानकारी के अनुसार, कथियान गांव के रहने वाले राजेंद्र खत्री का डिरनाड़ गांव में सेब का बगीचा है। बगीचे में ही आवासीय छानी है। छानी गांव से कुछ दूरी पर बनी थी। बगीचों में काम करने के लिए उन्होंने नेपाली मूल के दो मजदूरों मोहन लाल (49) और गणेश (59) को रखा हुआ था। दोनों छानी में ही रहते थे।
बीते बुधवार की रात करीब पौने नौ बजे छानी में आग भड़क गई। कुछ ही देर में आग पूरी छानी में फैल गई। धुंआ और आग की लपटें देख गांव के लोग छानी को ओर दौड़ पड़े। तब तक आग विकराल रूप ले चुकी थी।
ग्रामीणों ने छानी के दरवाजे को खोलने का प्रयास किया, लेकिन दरवाजा अंदर से बंद था। ग्रामीणों ने किसी तरह दरवाजा तोड़ा। दोनों के जले हुए शव बमुश्किल बाहर निकाले। कुछ ही देर में छानी पूरी तरह से जल गई। सूचना पर राजस्व उप निरीक्षक भीमदत्त जोशी मौके पर पहुंचे।
बृहस्पतिवार की सुबह दोनों शवों के पंचनामा की कार्रवाई की गई। राजस्व उपनिरीक्षक ने बताया कि ऐसी आशंका है कि रात में मृतकों ने चूल्हे पर खाना बनाया और फिर खाना खाने के बाद सो गए। इस दौरान चूल्हे की चिंगारी से छानी में आग भड़क गई। उन्होंने बताया मामले की जांच की जा रही है।