एम्स ऋषिकेश में आयोजित एक कार्यक्रम में केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण, अपर सचिव स्वास्थ्य जयदीप कुमार मिश्रा एवं संस्थान की कार्यकारी निदेशिका प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह द्वारा आणविक अनुसंधान नैदानिक प्रयोगशाला का विधिवत शुभारम्भ किया गया।
बताया गया है कि इस प्रयोगशाला में अनुसंधान के साथ-साथ विभिन्न बीमारियों के उपचार से संबन्धित परीक्षण भी किए जा सकेंगे। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश में स्थापित माॅल्यूकुलर रिसर्च एवं डायग्नोस्टिक लैबोरेट्री (आणविक अनुसंधान नैदानिक प्रयोगशाला) विधिवत शुरू हो गई। इस अवसर पर बताया गया कि इस प्रयोगशाला का उपयोग डीएनए जांच, आरएनए जांच और पीसीआर (पाॅलिमरेज चैन रिएक्शन) आदि परीक्षण के लिए किया जाएगा। इसके अलावा अनुसंधान संबन्धी कार्यों के साथ-साथ इस प्रयोगशाला में कोविड-19 से ग्रसित मरीजों की जाचें भी की जा सकेंगी।
इस अवसर पर संस्थान की कार्यकारी निदेशिका प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह ने बताया कि इस प्रयोगशाला के स्थापित होने से विशेष तौर से कैंसर से ग्रसित मरीजों को सटीक और लाभकारी दवा निर्धारित करने और जन्मजात आनुवांशिक रोगों का निदान करने में भी सहायता मिलेगी। उन्होंने बताया कि आधुनिक उच्च तकनीक आधारित इस प्रयोगशाला की स्थापना से अनुसंधान कार्यों को बढ़ावा भी मिलेगा।
कार्यक्रम के दौरान संस्थान के विभिन्न अधिकारी और फेकल्टी सदस्य मौजूद रहे।