डेरा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह के हत्यारोपियों को पनाह देने, हथियार उपलब्ध कराने और षड्यंत्र में शामिल चार लोगों को पुलिस ने पीलीभीत से गिरफ्तार कर लिया है। पकड़े गए आरोपियों में एक गुरुद्वारे का सेवादार भी शामिल है। बाबा तरसेम की हत्या का 10 लाख रुपये में सौदा हुआ था। हत्यारोपियों पांच लाख रुपये बतौर एडवांस ले चुके हैं। आरोपियों के पास घटना में प्रयुक्त दो कारें और दो मोबाइल फोन भी बरामद किए गए।
नानकमत्ता में 28 मार्च को डेरे में घुसकर दो बाइक सवार बदमाशों ने बाबा तरसेम सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी। इस मामले में पुलिस ने पांच लोगों को नामजद किया था। मुख्य हत्यारोपी तरनतारण, पंजाब निवासी सर्वजीत सिंह और बिलासपुर यूपी निवासी अमरजीत सिंह की तलाश में पुलिस ने करीब पांच राज्यों और भारत-नेपाल की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर ताबड़तोड़ दबिश दी। हत्याकांड के आठवें दिन पुलिस ने दो हत्यारोपियों को शरण देने, हथियार उपलब्ध कराने और षड्यंत्र में शामिल चार लोगों को निगोही, शाहजहांपुर, यूपी निवासी दिलबाग सिंह, पीलीभीत निवासी अमनदीप सिंह उर्फ काला, तिलहर, शाहजहांपुर निवासी हरमिंदर उर्फ पिंदी और बाधे कंजा, करेली, पीलीभीत निवासी बलकार सिंह को गिरफ्तार कर लिया।
इनमें अमनदीप उर्फ डेरा कार सेवा का सेवादार है। नानकमत्ता पुलिस ने एसएसपी डॉ. मंजूनाथ टीसी ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि मुख्य हत्यारोपी सर्वजीत और अमरजीत 19 मार्च से नानकमत्ता गुरुद्वारा साहिब की सराय में कमरा किराए पर लेकर लगातार बाबा तरसेम सिंह की दिनचर्या पर नजर रखे हुए थे। दोनों ने गुरुद्वारे के एक सेवादार अमनदीप सिंह उर्फ काला को लालच देकर उसकी मदद से घटना के दिन 28 मार्च को बाबा तरसेम सिंह की लोकेशन ज्ञात करते रहे। सही लोकेशन मिलने पर दोनों ने डेरे में घुसकर बाबा तरसेम सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी। हत्याकांड के बाद दाेनों दिलबाग सिंह के शाहजहांपुर स्थित घर पहुंचे। जहां दोनों दिलबाग और उसके साथियों से पूर्व निर्धारित धनराशि में से पांच लाख रुपये की धनराशि प्राप्त की। दिलबाग ने दोनों हत्यारोपियों को भगाने में मदद की।
एसएसपी डॉ. मंजूनाथ ने बताया कि दोनों हत्यारोपियों व शार्प शूटरों को हत्या को अंजाम देने के लिए हायर किया गया था।