ट्रैक के नेचुरल लुक को बरकरार रखते हुए बेसिक सुविधाएं विकसित करने के एमडीडीए को दिए निर्देश*
कहा – राज्य में स्थित दूसरे ट्रैक रूट में भी किया जाएगा सुधार
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज देहरादून से मसूरी ट्रैक रूट का पैदल निरीक्षण करते हुए इस मार्ग पर बेसिक सुविधाओं का अवलोकन किया।
उन्होंने एमडीडीए को निर्देश दिए कि ट्रैक के नैचुरल लुक को बरकरार रखते हुए इस मार्ग पर देश – विदेश से आने वाले ट्रैकर्स, टूरिस्ट और आम – जनमानस को बैठने, खाने – पीने, शौचालय इत्यादि की बेसिक सुविधाएं डेवलप की जाए। बेहतर स्वच्छता, रूट मार्गदर्शन हेतु आकर्षक साइनेज और रेलिंग लगाई जाए। इसके साथ ही सुरक्षा और आपातकालीन उपाय भी किए जाएं।
अवलोकन के दौरान उन्होंने सीनियर सिटीजन और पुराने ट्रैकर्स से भी बातचीत की तथा उनके द्वारा प्राप्त फीडबैक को भी रूट डेवलपमेंट में शामिल करने के अधिकारियों को निर्देश दिए।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में स्थित दूसरे ट्रैकिंग रूट को भी और बेहतर बनाया जाएगा जिससे देश- विदेश से आने वाले टूरिस्ट और ट्रैकर्स उत्तराखंड की नैसर्गिकता, सुंदरता और वसुधैव कुटुंबकम की संस्कृति का आनंद ले सके तथा यहां से अच्छे अनुभव लेकर जाएं।
इस दौरान महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी, सदस्य सचिव प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पराग धकाते सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज रविवार को शहंशाही आश्रम, ओल्ड राजपुर रोड (देहरादून) – झड़ीपानी (मसूरी) रूट पर ट्रेकिंग की। यह ट्रेक न केवल साहसिक गतिविधियों का हिस्सा है बल्कि इस यात्रा के दौरान प्रकृति की अद्भुत सुंदरता, शुद्ध हवा और शांत वातावरण का भी अनुभव होता है।
सीएम ने कहा कि उत्तराखण्ड में इस तरह के अनेक ट्रेक विशेष आकर्षण का केंद्र हैं। शीतकालीन यात्रा के दौरान भी राज्य में आने वाले पर्यटक व स्थानीय लोग भी ट्रेकिंग का आनंद ले सकते हैं।
सीएम धामी ने कहा कि शीतकाल में बर्फ से ढके पहाड़, शीतल व शुद्ध हवा और मनमोहक दृश्य उत्तराखंड के प्राकृतिक सौंदर्य को और भी अद्वितीय बना देते हैं। साहसिक गतिविधियों के लिए भी उत्तराखण्ड आदर्श स्थल है, अब केवल ग्रीष्मकाल ही नहीं बल्कि शीतकाल में भी उत्तराखण्ड आपके स्वागत के लिए तैयार है।