उत्तराखण्ड में आगामी 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस और आप महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे पर सत्तारूढ़ भाजपा को घेरने की तैयारी में नजर आ रहे हैं।
इस साल की पहली तिमाही में राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़े भी विपक्षी दलों के लिए संजीवनी का काम कर रहे हैं। 2020 के सर्वे के आंकड़ों के अनुसार, शहरी बेरोजगारी के मामले में उत्तराखंड का 10वां स्थान था। इन दोनों मुद्दों पर प्रदेश की सियासत गरमाई हुई है।
राज्य में वर्ष 2022 में विधानसभा चुनाव हैं और कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों ने बेरोजगारी और महंगाई को सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ मुख्य चुनावी हथियार बनाया हुआ है। शुक्रवार को बेरोजगारी के मुद्दे पर कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने केंद्र और राज्य की सरकारों पर निशाना साधा। आज आप प्रमुख एवं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल भी रोजगार के मामले में कुछ नया शगुफा छोड़ सकते हैं।
राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (एनएसओ) ने हाल ही में पहली तिमाही में महंगाई दर के आंकड़े जारी किए हैं। उत्तराखंड राज्य में महंगाई की दर 5.38 प्रतिशत के साथ देश में 10वें स्थान पर है। हिमाचल (6.99), जम्मू कश्मीर (7.65) आंध्रप्रदेश 7.16, हरियाणा (5.75), पंजाब (5.87), तमिलनाडु (6.22), तेलंगाना (7.92), कर्नाटक (6.91), मध्य प्रदेश (6.37 प्रतिशत) राज्यों में उत्तराखंड से अधिक महंगाई रही। अगस्त 2020 में राज्य में महंगाई सूचकांक 152.5 था, जो अगस्त 21 में 160.7 रहा।
राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय ने पिछले दिनों वर्ष 2020 के बेरोजगारी की दर के आंकड़े जारी किए। जारी आंकड़े उत्तराखंड में बेरोजगारी बढ़ने के संकेत दे रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोनाकाल में अप्रैल से जून 2020 में 26.8 फीसदी लोगों के रोजगार छिने।
जुलाई से सितंबर में अनलॉक के हालात बनें तो बेरोजगारी दर घटकर 10.9 फीसदी रही। लेकिन इसके बाद अक्टूबर 2020 में यह बढ़कर 11.6 प्रतिशत हो गई। 2019 की तुलना में 2020 में बेरोजगारी 2.3 प्रतिशत बढ़ गई। 22 राज्यों के सर्वे के आंकड़ों के आधार पर रिपोर्ट बता रही है कि बेरोजगारी दर में उत्तराखंड देश में नौवें स्थान पर था।