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Tuesday, December 3, 2024
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संकट हरण चतुर्थी व्रत आज, सौभाग्य योग होने से बन रहा है बड़ा ज्योतिषीय संयोग

मकर संक्रांति के बाद सकट चौथ के त्योहार के आने का बेसब्री से इंतजार होता है। इस बार सकट चौथ का पर्व 21 जनवरी को मनाया जाएगा। इस दिन महिलाएं अपनी संतान की लंबी उम्र और उन्नति के लिए व्रत रखती हैं। माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने से भगवान गणेश सभी कष्टों को हर लेते हैं।

उत्तराखंड ज्योतिष रत्न आचार्य डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल ने बताया कि हर साल माघ महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को सकट चौथ का त्योहार मनाया जाता है। इस साल सकट चौथ का त्योहार 21 जनवरी 2022 को शुक्रवार के दिन मनाया जाएगा। सकट चौथ को संकष्टी चतुर्थी, तिलकुट, माघ चतुर्थी के नामों से भी जाना जाता है। इस दिन महिलाएं अपनी संतान की लंबी उम्र और उन्नति के लिए व्रत रखती हैं।

माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने से भगवान गणेश सभी कष्टों को हर लेते हैं। इस दिन भगवान गणेश की पूजा कर चंद्रमा को अर्घ्य देकर महिलाओं को व्रत पारायण करना चाहिए।
ज्योतिषाचार्य घिल्डियाल विश्लेषण करते हुए बताते हैं कि संकट हरण चतुर्थी का व्रत 21 जनवरी को शुक्रवार के दिन रखा जाएगा।

चतुर्थी तिथि प्रारम्भ –
जनवरी 21, 2022 को सुबह 08:51 बजे
चतुर्थी तिथि समाप्त – जनवरी 22, 2022 को सुबह 09:14 बजे
सकट चौथ के दिन चन्द्रोदय समय – रात्रि 09:00 बजे

सकट चौथ शुभ योग
आचार्य चंडी प्रसाद घिल्डियाल बताते हैं कि सकट चौथ पर इस बार सौभाग्य योग बनने जा रहा है। यह शुभ योग 21 जनवरी को दोपहर 03 बजकर 06 मिनट तक रहेगा। इसके बाद शोभन योग शुरू हो जाएगा। सौभाग्य योग में कोई भी कार्य करना शुभ माना जाता है और सफलता भी प्राप्त होती है। इसके साथ ही सकट चौथ के दिन अभिजीत मुहूर्त 12 बजकर 11 मिनट से शुरू होकर 12 बजकर 54 मिनट तक रहेगा।

सकट चौथ पूजा विधि

  • इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें.
  • भगवान गणेश की पूजा करते समय लाल रंग के कपड़े पहनें.
  • पूजा करते समय गणेश जी की मूर्ति के पास एक कलश में जल भर कर रखें.
  • पूजा करते समय भगवान गणेश की मूर्ति के साथ ही माता लक्ष्मी की मूर्ति भी जरूर रखें.
  • भगवान गणेश के मंत्र का जाप करते हुए 21 दुर्वा भगवान गणेश को अर्पित करें. और अंत में चंद्रमा को अर्घ्य देकर पीपल बट आम आंवला बेल अमरूद के फल सहित पत्तों का पूजन कर चंद्रमा को चढ़ाना चाहिए क्योंकि चंद्रमा आयुर्वेद का स्वामी भी है इस दिन सभी लोगों द्वारा यह चीजें चंद्रमा को चढ़ाने पर इन सब चीजों में औषधीय गुण व्याप्त हो जाते हैं और लोग कल्याण होता है

आचार्य का परिचय
नाम-आचार्य डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल
प्रवक्ता संस्कृत।
निवास स्थान- 56 / 1 धर्मपुर देहरादून, उत्तराखंड। कैंप कार्यालय मकान नंबर सी 800 आईडीपीएल कॉलोनी वीरभद्र ऋषिकेश
मोबाइल नंबर-9411153845
उपलब्धियां
वर्ष 2015 में शिक्षा विभाग में प्रथम गवर्नर अवार्ड से सम्मानित, वर्ष 2016 में उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उत्तराखंड ज्योतिष रत्न सम्मान से सम्मानित, वर्ष 2017 में त्रिवेंद्र सरकार ने दिया ज्योतिष विभूषण सम्मान। वर्ष 2013 में केदारनाथ आपदा की सबसे पहले भविष्यवाणी की थी। इसलिए 2015 से 2018 तक लगातार एक्सीलेंस अवार्ड, 5 सितंबर 2020 को प्रथम वर्चुअल टीचर्स राष्ट्रीय अवार्ड, अमर उजाला की ओर से आयोजित ज्योतिष महासम्मेलन में ग्राफिक एरा में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दिया ज्योतिष वैज्ञानिक सम्मान।

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