17.5 C
Dehradun
Monday, March 31, 2025
Homeहमारा उत्तराखण्डऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन: ट्रैक बिछाने के लिए सर्वे शुरू, 2027 तक रखा...

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन: ट्रैक बिछाने के लिए सर्वे शुरू, 2027 तक रखा गया है लक्ष्य

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन पर ट्रैक बिछाने के लिए सर्वे शुरू कर दिया गया है। 125 किलोमीटर लंबी इस परियोजना पर 750 करोड़ रुपये की लागत से ट्रैक बिछाया जाना है। भारतीय रेलवे के उपक्रम इरकॉन इंटरनेशनल ने 2027 तक ट्रैक बिछाने का कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा है।

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे परियोजना का काम तेजी से किया जा रहा है। सुरंगों की खोदाई का काम अंतिम चरण में हैं। परियोजना में मुख्य और सहायक सुरंगों की कुल संख्या 16 है। इनकी कुल लंबाई 213 किमी है। इसमें से 193 किमी खोदाई हो गई है। मुख्य सुरंगों की लंबाई 125 किमी है, जिसमें से 93 किमी खोदाई का कार्य पूरा चुका है।

अब तक 35 ब्रेक थ्रू हो चुके
16 सुरंगों में 46 ब्रेक थ्रू होने हैं। इनमें से अब तक 35 ब्रेक थ्रू हो चुके हैं। 2026 के अंत तक सुरंगों की खोदाई का काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। परियोजना अधिकारियों ने बताया कि अधिकांश सुरंगों को पक्का करने का काम भी शुरू कर दिया गया है। करीब 83 किमी सुरंगों में फाइनल लाइनिंग (सुरंगों की छत आदि का निर्माण) कर दिया गया है।

जिन सुरंगों का फाइनल लाइनिंग हो चुका है, उनमें ट्रैक बिछाए जाने के लिए सर्वे शुरू कर दिया गया है। 125 किमी दूरी वाली इस रेलवे लाइन का 105 मीटर हिस्सा सुरंगों से होकर गुजरेगा। इसलिए सुरंगों के अंदर बेलासलेस (बिना गिट्टी वाला ट्रैक) बनाया जाएगा। ट्रैक बिछाने के लिए बीते वर्ष चार जुलाई को टेंडर प्रक्रिया पूर्ण हुई थी। इसके तहत करीब 750 करोड़ रुपये की लागत से भारतीय रेलवे का उपक्रम इरकॉन इंटरनेशनल ट्रैक बिछाने का कार्य करेगा।

 

बन चुके हैं आठ पुल

परियोजना में कुल 19 पुल हैं। इनमें से चंद्रभागा, शिवपुरी, गूलर, ब्यासी, कोड़ियाला, पौड़ी नाला, लक्ष्मोली और श्रीनगर पुल बनकर तैयार हो चुके हैं। शेष 11 पुलों का निर्माण भी 60 फीसदी पूरा हो चुका है। वर्ष 2026 के अंत तक सभी पुलों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है।

दो स्टेशनों की निर्माण प्रक्रिया भी शुरू

परियोजना में कुल 13 स्टेशन हैं। इनमें से वीरभद्र और योगनगरी रेलवे स्टेशन वर्ष 2020 में बनकर तैयार हो चुके हैं। जबकि शिवपुरी और ब्यासी रेलवे स्टेशन के लिए निविदा प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है। इन दोनों स्टेशनों का निर्माण 61 करोड़ की लागत से किया जाना है। शेष नौ स्टेशनों के निर्माण के लिए तीन टेंडर और जारी होंगे। एक निविदा देवप्रयाग, जनासू, मलेथा और श्रीनगर स्टेशन के लिए, दूसरी निविदा धारीदेवी, घोलतीर, तिलड़ी और गौचर स्टेशन के लिए और तीसरी कर्णप्रयाग स्टेशन के लिए जारी होगी। कर्णप्रयाग रेलवे स्टेशन इस परियोजना का सबसे बड़ा स्टेशन है। सभी रेलवे स्टेशनों के निर्माण की लागत करीब 550 करोड़ रुपये है।

ट्रैक बिछाने के लिए सर्वे शुुरू कर दिया गया है। इसके लिए स्लीपर भी पहुंच गए हैं। परियोजना की 16 सुरंगों में कुल 46 ब्रेकथ्रू होने हैं। इनमें से 35 हो चुके हैं। 

– ओपी मालगुड़ी, उपमहाप्रबंधक (सिविल), रेलवे विकास निगम

RELATED ARTICLES

Leave a reply

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

- Advertisment -

Recent Comments

error: Content is protected !!