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Sunday, October 26, 2025
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वन मंत्री उनियाल ने किया स्व. गौरा देवी की जनशताब्दी पर ‘गौरा देवी विशेष डाक टिकट’ का विमोचन

– डाक विभाग ने किया इस अवसर पर विशेष आवरण जारी

पोखरी (चमोली), 25 अक्टूबर 2025
चिपको आंदोलन के माध्यम से न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में पर्यावरण संरक्षण की अलख जगाने वाली “पहाड़ की बेटी” स्वर्गीय गौरा देवी जी की जनशताब्दी समारोह के अवसर पर आज पोखरी (चमोली) में ‘गौरा देवी विशेष डाक टिकट’ का विमोचन कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल द्वारा किया गया।

इस दौरान मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि स्वर्गीय गौरा देवी जी का पूरा जीवन पर्यावरण एवं प्रकृति के संरक्षण के लिए समर्पित रहा। उन्होंने जंगलों को अपने परिवार का हिस्सा मानते हुए उनकी रक्षा को अपना धर्म समझा और उसी भावना ने विश्व प्रसिद्ध “चिपको आंदोलन” को जन्म दिया।

मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा, “गौरा देवी जी केवल उत्तराखंड ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व के लिए प्रेरणास्रोत हैं। उन्होंने दिखाया कि प्रकृति के साथ सामंजस्य ही मानवता का सबसे बड़ा धर्म है। आज हम सबको उनसे प्रेरणा लेकर यह संकल्प लेना चाहिए कि हम पर्यावरण की रक्षा करेंगे, हर पेड़ को अपने जीवन का हिस्सा मानेंगे और आने वाली पीढ़ियों को हरा-भरा भविष्य देंगे।”

चमोली : शनिवार को डाक विभाग उत्तराखंड द्वारा रैणी गाँव, जोशीमठ, चमोली में चिपको आंदोलन की प्रणेता तथा पर्यावरण संरक्षण की प्रतीक स्वर्गीय गौरा देवी की जन्म शताब्दी के अवसर पर एक विशेषीकृत माई स्टाम्प (कस्टमाइज्ड माई स्टाम्प) तथा विशेष आवरण जारी किया गया।

चिपको आंदोलन की प्रणेता गौरा देवी

चिपको आंदोलन की प्रणेता गौरा देवी का जन्म सन 1925 में जोशीमठ के लाता गांव में हुआ था। विवाहोपरांत वह रैणी गाँव की निवासी बन गईं। मार्च 1974 में उनके नेतृत्व में रैणी तथा लाता गाँव की महिलाओं ने ठेकेदारों से गाँव के समीप स्थित जंगलों (जो कि वर्तमान में नंदा देवी बायोस्फियर रिज़र्व का हिस्सा है) के पेड़ों को कटने से बचाने के लिए निर्भीकतापूर्वक पेड़ों को गले से लगा लिया।

महिलाओं के इस दृढ़ संकल्प के आगे ठेकेदारों को पीछे हटना पड़ा तथा वह वन जिसे महिलायें अपना “मायका” मानती थीं , सुरक्षित बच गया। गौरा देवी के नेतृत्व में चला चिपको आंदोलन हिमालयी पारिस्थितिकी में महिलाओं की सामाजिक चेतना, पर्यावरण न्याय तथा ग्राम्य जीवन पर आधारित आजीविका के अधिकार का सशक्त प्रतीक बना तथा इसने विश्वभर के पर्यावरणीय आंदोलनों को नई दिशा प्रदान की।

आज के इस महत्वपूर्ण अवसर पर सुबोध उनियाल, वन मंत्री, उत्तराखंड, लखपत बुटोला, विधायक बद्रीनाथ विधानसभा क्षेत्र, स्वर्गीय गौरा देवी के सुपुत्र चंद्र सिंह राणा, श्रीमती शशि शालिनी कुजूर, मुख्य पोस्टमास्टर जनरल उत्तराखंड परिमंडल,  अनसूया प्रसाद, निदेशक डाक सेवाएं, उत्तराखंड परिमंडल, डॉ रंजन कुमार मिश्र, प्रमुख वन संरक्षक एवं मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक, पंकज कुमार, निदेशक नंदा देवी बायोस्फियर रिज़र्व, सर्वेश दुबे, प्रभागीय वन अधिकारी, बद्रीनाथ वन प्रभाग, महातिम यादव, उप वन संरक्षक, नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे ।

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