नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश के बाद उत्तराखंड शासन के धर्मस्व विभाग ने चारधाम यात्रा 2021 के लिए तीर्थ यात्रियों की संख्या निर्धारित की है। इसके संबंध में धर्मस्व एवं तीर्थाटन सचिव हरिचंद्र सेमवाल और अनुसचिव प्रेम सिंह राणा ने नया आदेश जारी किया है।
इधर, चारधामों के तीर्थ पुरोहितों ने स्थानीय लोगों के लिए यात्रा पंजीकरण अनिवार्यता समाप्त करने की मांग उठाई है। इस संबंध में तीर्थ पुरोहितों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र भेजा है।
विदित हो कि प्रदेश में चारधाम यात्रा हाईकोर्ट के आदेश के बाद से बीते 18 सितंबर से प्रारंभ की गई है। एसओपी के अनुसार श्री बदरीनाथ धाम हेतु के लिए 1000, श्री केदारनाथ के लिए 800, श्री गंगोत्री के लिए 600 और श्री यमुनोत्री के लिए 400 तीर्थयात्री प्रतिदिन चारों धाम पहुंच सकते हैं। सरकार द्वारा चारधाम यात्रा के लिए एसओपी, श्रद्धालुओं की संख्या, पंजीकरण आदि की व्यवस्था की गई है।
इस बीच यह बात सामने आई कि कई यात्री पंजीकरण के बाद यात्रा के लिए नहीं आ रहे हैं जिससे धामों में यात्रियों की संख्या कम होती जा रही है। इसको देखते हुए शासन ने शनिवार को नया आदेश जारी किया है। आदेश के अनुसार जो पंजीकृत तीर्थयात्री निर्धारित तिथि को उत्तराखंड चारधाम नहीं पहुंच रहे हैं, उनके स्थान पर अन्य पंजीकृत तीर्थयात्री चारधामों में दर्शन को जा सकेंगे।
चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण नहीं होने से दूसरे राज्यों के तीर्थयात्री न सिर्फ ट्रेनों वरन ऋषिकेश, हरिद्वार और देहरादून से बुक कराई गई टैक्सी और बसों की भी बुकिंग निरस्त करवा रहे। तीर्थयात्रियों के इस कदम ने चारधाम यात्रा के लिए बस और टैक्सी संचालित करने वाले संचालकों की चिंताएं बढ़ा दी हैं।