केंद्र सरकार के कर्मियों और पेंशनरों को दीवाली से पहले महंगाई भत्ता एवं महंगाई राहत का तोहफा मिल गया है। 48 लाख केंद्रीय कर्मियों की जेब में 4 फीसदी डीए आया है, तो वहीं 64 लाख पेंशनरों की भी बल्ले-बल्ले हो गई है। यह भत्ता पहली जुलाई से देय होगा। बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में डीए की दर बढ़ाने के फैसले पर मुहर लग गई। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने डीए/डीआर में बढ़ोतरी की घोषणा की है।
केंद्रीय कर्मियों और पेंशनरों को मौजूदा समय में 34 फीसदी की दर से महंगाई भत्ता मिल रहा है। अब डीए/डीआर में चार फीसदी का इजाफा होने के बाद वह दर 38 फीसदी हो जाएगी। डीए की दरों में बढ़ोतरी के लिए केंद्रीय कर्मचारी संगठन, सरकार पर लगातार दबाव बनाए हुए थे। इस मुद्दे पर केंद्रीय कर्मियों को विभिन्न मंचों से विपक्ष का भी सहयोग मिल रहा था।
महंगाई भत्ता एवं महंगाई राहत, इनमें हर वर्ष पहली जनवरी और पहली जुलाई से बढ़ोतरी होती रही है। पिछले कुछ वर्षों से इस ट्रेंड में बदलाव आया है। अब उक्त तिथि की बजाए, भत्ते जारी होने में कई माह की देरी होने लगी है। इस साल जुलाई से डीए में जो बढ़ोतरी होनी थी, वह सितंबर के अंत में हुई है। तीन चार महीने बाद तो डीए में अगली बढ़ोतरी होने का समय आ जाएगा।
अब दीवाली से पहले सरकारी कर्मियों को डीए/डीआर की सौगात प्रदान कर दी गई है। हालांकि डीए/डीआर की फाइल पिछले दिनों ही केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेज दी गई थी। ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स फॉर इंडस्ट्रियल वर्कर्स का डेटा भी महंगाई भत्ते और महंगाई राहत में लगभग पांच फीसदी तक की बढ़ोतरी की संभावना जता रहा था।
हालांकि डीए की घोषणा के साथ केंद्रीय कर्मियों को कोरोनाकाल के डीए/डीआर का 18 माह का बकाया एरियर दिए जाने बाबत सरकार की ओर से कोई बात नहीं कही गई। एरियर जारी कराने के लिए सरकार पर केंद्रीय कर्मियों का भारी दबाव रहा है। स्टाफ साइड की राष्ट्रीय परिषद के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने 18 अगस्त को कैबिनेट सेक्रेट्री एवं नेशनल काउंसिल ‘जेसीएम’ के चेयरमैन को पत्र लिखा था।
एक जनवरी 2020 से एक जुलाई 2020 और एक जनवरी 2021 से प्रभावी महंगाई भत्ते/महंगाई राहत का एरियर जारी कराने के लिए सरकार को प्रतिवेदन दिया गया है। शिव गोपाल मिश्रा ने एरियर की राशि जारी करने के लिए केंद्र सरकार को यह विकल्प भी दिया था कि वह इस बाबत कोई मैकेनिज्म तैयार करना चाहती है, तो उसके लिए कर्मचारी, सरकार का सहयोग करेंगे।
कैबिनेट सचिव को लिखे अपने पत्र में जेसीएम सेक्रेटरी ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा फरवरी 2021 में दिए गए एक फैसले का हवाला दिया है। इस फैसले में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था, आर्थिक संकट के कारण कर्मचारियों के वेतन या पेंशन को अस्थायी रूप से रोका जा सकता है। स्थिति में सुधार होने पर इसे कर्मचारियों को वापस देना होगा। ये कर्मियों का वैद्य अधिकार है। इनका भुगतान कानून के मुताबिक होना चाहिए।
इस वृद्धि का फायदा, लगभग 48 लाख केंद्रीय कर्मियों और 64 लाख पेंशनरों को पहुंचेगा। अगर किसी कर्मचारी का मूल वेतन 18 हजार रुपये है और डीए में चार फीसदी की वृद्धि होती है तो 38 फीसदी महंगाई भत्ते के हिसाब से उसके वेतन में लगभग 720 रुपये बढ़ जाएंगे। कर्मचारी का मूल वेतन 25 हजार रुपये है तो उसे प्रतिमाह 1000 रुपये का फायदा होगा।
जिस कर्मी की बेसिक सेलरी 35 हजार रुपये है, तो उसे प्रतिमाह 1400 रुपये ज्यादा मिलेंगे। 45 हजार रुपये बेसिक सेलरी पर लगभग 1800 रुपये बढ़ेंगे। ऐसे कर्मी, जिन्हें 52 हजार रुपये बेसिक सेलरी मिलती है, डीए बढ़ोतरी पर उन्हें हर माह 2000 रुपये से ज़्यादा का लाभ होगा। 70 हजार रुपये की बेसिक सेलरी वाले कर्मचारी को लगभग 2800 रुपये, 85,500 रुपये की बेसिक सेलरी पर लगभग 3420 रुपये और एक लाख रुपये बेसिक सेलरी वाले कर्मियों के खाते में हर माह 4000 रुपये से अधिक की बढ़ोतरी होगी।