देहरादून। आजादी से पहले 1942 में पहली बार नैनीताल इंटर कॉलेज में गाया गया “बेडु पाको बारामासा” कुमाऊंनी लोक गीत फिर नए कलेवर, संगीत,आवाज और धुन में गाया गया। आज राज्य स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मौजूदगी में गीत का वीडियो रिलीज हो गया है।
इस गीत को उत्तराखंड के प्रसिद्ध लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी, पद्मश्री प्रीतम भरतवाण, मीना राणा से लेकर गढ़वाल और कुमाऊं के 25 से ज्यादा नामी गायकों ने अपनी आवाज दी है। रिलीज होते ही गीत सोशल मीडिया में धूम मचाने लगा है। उत्तराखंड के हर नागरिक को यह गीत खासा पसंद आ रहा है।
आजादी से पहले बेडु पाको बारामासा गीत को कुमाऊं के स्व. बृजेन्द्र लाल शाह ने लिखा था। इस गीत को अल्मोड़ा के मोहन उप्रेती तथा बृजमोहन शाह ने स्वर दिए तो गीत राज्य से लेकर देश के बड़े मंच पर छा गया था। 1942 में सबसे पहले गीत को राजकीय इंटर कॉलेज नैनीताल के मंच पर गाया गया।
इसके बाद दिल्ली स्थित तीन मूर्ति भवन के गीत की प्रस्तुति हुई तो यह गीत दुनिया भर में उत्तराखण्डियों के ही नहीं बल्कि विदेशियों के जुबां पर छा गया। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गीत की प्रस्तुति ने इसको भारत के पहले प्रधानमंत्री, जवाहर लाल नेहरू के पसंदीदा गीतों में शामिल कर दिया था।
अब उत्तराखंड में इस गीत को चांदनी इंटरप्राजेज ने नए स्वर, धुन और कलेवर में शूट किया है। इसमें गीत की हर पंक्ति (लाइन) को स्वर सम्राट नरेंद्र सिंह नेगी, जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण, मीना राणा, हिंदी फिल्मों में कई किरदार निभा चुके हेमंत पांडेय, युवा लोक गायक रजनीकांत सेमवाल, किशन महिपाल, नैनाथ रावल, समेत 25 से ज्यादा कलाकारों ने आवाज दी गई है। जबकि उत्तराखंड के पर्यटक और धार्मिक स्थल पर इसकी शूटिंग हुई है।
गीत कुछ इस प्रकार है……
” बेडु पाको बारा मासा, ओ नरणी काफल पाको चैत मेरी छैला बेडु पाको बारा मासा, ओ नरण काफल पाको चैत मेरी छैला – 2 बेडु पाको बारा मासा -2, ओ नरण काफल पाको चैत मेरी छैला – 2 (कोरस) भुण भुण दीन आयो -2 नरण पूजा तेरी मैत मेरी छैला -२ बेडु पाको बारा मासा -2, ओ नरण काफल पाको चैत मेरी छैला – 2 आप खांछे पन सुपारी -2, नरण मैं पीलूँ छ बीड़ी मेरी छैला -2 बेडु पाको बारा मासा -2, ओ नरण काफल पाको चैत मेरी छैला – 2 अल्मोडा की नंदा देवी, नरण फुल छढ़ूनी पाती मेरी छैला बेडु पाको बारा मासा -2 त्यार खुटा मा कांटो बुड्या, नरणा मेरी खुटी पीड़ा मेरी छैला बेडु पाको बारा मासा -2 अल्मोडा को लल्ल बजार, नरणा लल्ल मटा की सीढ़ी मेरी छैला बेडु पाको बारा मासा”
(साभार–चांदनी एंटरप्राइजेज, विकिपीडिया)