उत्तराखंड में कार्यरत 4500 गेस्ट टीचरों ने कैबिनेट के फैसले के बावजूद शासनादेश न होने पर गहरी नाराजगी प्रकट की है। इसके विरोध में गेस्ट टीचरों ने दो दिन का कार्य बहिष्कार करने का ऐलान किया है।
माध्यमिक अतिथि शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेश धामी ने कहा कि गेस्ट टीचरों के संबंध में कैबिनेट के तीन फैसलों में से दो पर शासनादेश नहीं हुआ है, जिससे प्रदेशभर के गेस्ट टीचरों में असंतोष बना हुआ है।
संगठन की आनलाइन बैठक में गेस्ट टीचरों ने कहा कि बीती चार जुलाई को कैबिनेट की बैठक में गेस्ट टीचरों को लेकर तीन प्रस्ताव पास किए गए थे, जिसमें उनका मानदेय 15 हजार से बढ़ाकर 25 हजार करने, गृह जनपद के स्कूलों में तैनाती किए जाने एवं उनके पदों को खाली नहीं माना जाएगा शामिल थे।
गेस्ट टीचरों ने कहा कि उनका मानदेय बढ़ाने संबंधी प्रस्ताव का तो शासनादेश किया जा चुका है लेकिन दो अन्य प्रस्ताव पर अभी तक शासनादेश जारी नहीं हुआ है। संगठन ने कहा कि भाजपा की ओर से चुनावी घोषणा पत्र में गेस्ट टीचरों के सुरक्षित भविष्य को लेकर वादा किया गया था लेकिन इस दिशा में अभी तक सरकार ने कोई भी कदम नहीं उठाया है।
संगठन ने कहा कि यदि दो दिवसीय कार्यबहिष्कार के बावजूद उनकी मांगों पर अमल नहीं हुआ तो जल्द ही बैइक कर आंगे के आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी।