एम्स ऋषिकेश के यूरोलॉजी विभाग के तत्वावधान में लाइव ऑपरेटिव वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इस दौरान विभिन्न क्षेत्रों से आए यूरोलॉजिस्टों ने मूत्ररोग से संबंधित इलाज की नवीनतम तकनीकों पर व्यापक चर्चा की। कार्यशाला में यूरेथ्रोप्लास्टी एंड पिनाईल इम्प्लांट विषय पर लाइव सर्जरी का प्रदर्शन कर मूत्ररोग निदान में इस तकनीक के विस्तृत लाभ बताए गए।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश के यूरोलॉजी विभाग द्वारा आयोजित कार्यशाला के दौरान विभिन्न क्षेत्रों से आए यूरोलॉजिस्टों ने अपने विचारों और अनुभवों को साझा करते हुए मूत्र से जुड़ी विभिन्न बीमारियों से संबंधित उपचार की नवीनतम तकनीक से अवगत कराया।
इस अवसर पर संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह ने अपने संदेश में कहा कि लाइव ऑपरेटिव वर्कशॉप के आयोजन से मूत्ररोग चिकित्सकों को पेशाब में रुकावट संबंधी इलाज की आधुनिक तकनीकों को बारीकी से समझने का अवसर प्राप्त होगा। संस्थान की डीन एकेडेमिक प्रो. जया चतुर्वेदी और चिकित्सा अधीक्षक प्रो. संजीव कुमार मित्तल ने कार्यशाला की सराहना की, उन्होंने इस आयोजन को इलाज के अनुभव की दृष्टि से लाभदायक बताया।
यूरोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. अंकुर मित्तल ने लाइव कार्यशाला को मूत्ररोग के चिकित्सकों के लिए अनुभव हासिल करने का बेहतरीन अवसर बताया। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला का लाभ विशेषतौर से उन चिकित्सकों को मिलेगा, जो पेशाब में रुकावट संबंधी बीमारी का इलाज करते हैं।
यूरेथ्रोप्लास्टी तकनीक को उन्होंने इलाज की बेहतर तकनीक बताया। डॉ. अंकुर मित्तल ने कहा कि गुणवत्ता युक्त बेहतर उपचार के लिए हमें मेडिकल की नवीनतम तकनीकों को सीखना और समझना बहुत जरूरी है।
यूरोलॉजी विभाग के प्रोफेसर ए.के. मण्डल ने कहा कि इस सम्मेलन द्वारा चिकित्सकों को मूत्र रोगों से सम्बन्धित मूल अवधारणाओं को समझने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इलाज की बेहतर प्रक्रिया और अनुभव हासिल करने के लिए यह कार्यशाला कारगर साबित होगी। लाइव ऑपरेटिव वर्कशॉप के दौरान ऑपरेशन थियेटर में जारी मरीजों की सर्जरी प्रक्रिया का सजीव प्रदर्शन किया गया।
ओटी में लाइव सर्जरी करने वाली इस टीम में एम्स ऋषिकेश के यूरोलॉजी विभाग के वरिष्ठ सर्जन और विभागाध्यक्ष डॉ. अंकुर मित्तल, यूरोलॉजिस्ट डॉ. विकास पंवार, डॉ. संजय कुलकर्णी और डॉ. पंकज जोशी शामिल रहे। टीम द्वारा संयुक्तरूप से कुल पांच मरीजों की यूरेथ्रोप्लास्टी विधि द्वारा सर्जरी कर मरीजों की पेशाब में रुकावट संबंधी दिक्कतों का समाधान किया गया।
इस दौरान ओटी में मौजूद डॉक्टरों की टीम ने पिनाईल इम्प्लांट तकनीक के उपयोग और मरीज को इस तकनीक से किए गए इलाज से होने वाले लाभ के बारे में भी विस्तार से समझाया।
कार्यशाला को नेशनल यूरोलॉजी सोसाइटी के चयनित अध्यक्ष डॉ. संजय कुलकर्णी व डॉ. पंकज जोशी ने भी संबोधित किया। इस दौरान उत्तराखंड यूरोलॉजी सोसाइटी के अध्यक्ष डॉ. संजय कुमार गोयल, डॉ. मैमन, डॉ. अश्वनी कंडारी, डॉ. अमर कुमार, डॉ. राजीव सरपाल, डॉ. शिखर अग्रवाल, एम्स ऋषिकेश यूरोलॉजी विभाग के डॉ. पीयूष गुप्ता, डॉ. गुरप्रेमजीत सिंह, डॉ. अक्षय, डॉ. गौतम, डॉ. हर्षित, डॉ. मेहुल आदि मौजूद रहे।