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Sunday, October 26, 2025
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उत्तराखंड: राजकीय शिक्षकों का विभिन्न मांगों को कार्य बहिष्कार शुरू

उत्तराखंड में राजकीय शिक्षक संघ के आवाहन पर चाक डाउन कार्यक्रम के तहत आज से राजकीय शिक्षकों ने विभिन्न मांगों को कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया है।

बताया गया कि संगठन के निर्णय के अनुसार सभी जनपदों से ली गई सूचना के अनुसार 99% शिक्षकों ने कार्य बहिष्कार में प्रतिभाग किया है। संगठन का स्पष्ट मानना है की 100% सभी स्तरों पर पदोन्नति, स्थानांतरण, प्रधानाचार्य विभागीय सीधी भर्ती नियमावली को समाप्त करना तथा चयन प्रोन्नत वेतनमान स्वीकृत होने पर एक वेतन वृद्धि का लाभ तथा प्रारंभिक शिक्षा से समायोजित शिक्षकों को पूर्व की सेवाओं को जोड़ते हुए चयन वेतनमान प्रोन्नत वेतनमान स्वीकृत तथा तदर्थ शिक्षकों को सेवा जोड़ते हुए चयन वेतनमान स्वीकृत के स्पष्ट आदेश हेतु संगठन की कई दौर की वार्ता सरकार शासन एवं विभाग से हो चुकी है परंतु ना तो पदोन्नति हो पा रही है ना ही अन्य समस्याओं का समाधान हो पा रहा है जिस हेतु संगठन ने दो महीने पूर्व विभाग को सूचना दे दी थी कि अगर समय पर समस्त रिक्त पदों पर पदोन्नति नहीं की जाती है तो संगठन आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा।

संघ ने कहा कि विभाग में 17 500 सहायक अध्यापक तथा 12560 प्रवक्ता के पद स्वीकृत हैं जिनके लिए 930 प्रधानाध्यापक तथा 1385 प्रधानाचार्य के पदोन्नति के पद हैं परंतु सरकार द्वारा अपनी ही व्यवस्था को समाप्त करते हुए शिक्षकों के साथ छलावा किया जा रहा है वह बगैर संगठन को विश्वास में लिए 50% प्रधानाचार्य के पद सीधी भर्ती के लिए दे दिए गए जो की शासनादेश संख्या 74 दिनांक 1 मार्च 2009 के प्रस्तर कर के अनुसार सर्वथा अनुचित है क्योंकि छठे वेतनमान में सभी कार्मिकों को तीन पदोन्नति देने का संकल्प सरकार के द्वारा पारित किया गया था परंतु अध्यापकों के लिए दो ही पदोन्नति के पद हैं प्रधानाध्यापक एवं प्रधानाचार्य उसमें से भी 50% आयोग को देना किसी भी प्रकार से न्यायोचित नहीं है।

कहा कि संगठन लगातार पदोन्नति की मांग कर रहा है जो विवाद न्यायालय में हैं वह सभी सरकार की और विभाग की अकर्मण्यता के कारण है विभाग ने पूर्व में वरिष्ठताओं का गलत निर्धारण कर सभी मामलों को पेचीदा बना दिया वह समाधान का प्रयास भी नहीं कर इस वर्ष सभी विभागों में स्थानांतरण हुए हैं परंतु शिक्षा विभाग में स्थानांतरण ना होना यह भी विभाग की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लगता है शिक्षक एक ही पद पर 30 तथा 35 वर्ष की सेवा कर लगातार सेवानिवृत हो रहे हैं।

बताया गया कि  आज18 अगस्त से निरंतर कार्य बहिष्कार और उसके पश्चात ब्लॉक मुख्यालय पर धरना जिला मुख्यालय पर धरना मंडल मुख्यालय पर धरना और अंत में प्रदेश स्तर पर धरना प्रदर्शन आमरण आसान किया जाएगा।

संगठन इस बार किसी भी चलावे में नहीं आएगा और अपने मांगे मनवाने के बाद ही वापस अपने कार्यक्षेत्र में लौटेगा।

राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष राम सिंह चौहान, प्रांतीय महामंत्री रमेश चंद्र पैन्यूली, उपाध्यक्ष राजकुमार चौधरी, संयुक्त मंत्री जगदीश बिष्ट, कोषाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह सजवान, संरक्षक दिनेश नौटियाल, कार्यालय मंत्री अरुण चंद्र रमोला, प्रणय बहुगुणा सभी ने न्यायोचित मांगों का समाधान होने तक लगातार संघर्ष करने का संकल्प दोहराया है।

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