एम्स के मनोरोग चिकित्सा विभाग की ओर से विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के उपलक्ष्य में यूथ सेंटर में कार्यक्रम का आयोजन किया गया,जिसमें विशेषज्ञ चिकित्सकों ने मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित महत्वपूर्ण चर्चा की। इस दौरान विशेषज्ञों ने संस्थान के विद्यार्थियों को मानसिक स्वास्थ्य को दुरुस्त रखने के लिए आवश्यक परामर्श भी दिया। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के उपलक्ष्य में यूथ सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने छात्र-छात्राओं से मानसिक स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। बताया गया है कि संयुक्त राष्ट्र ने इस वर्ष इस दिवस को “मेंटल हेल्थ इन एन अन-इक्वल वर्ल्ड” थीम के तहत आयोजित कर रहा है। अर्थात जहां संपूर्ण विश्व कोविड-19 की महामारी से जूझ रहा है वहीं इस साल का लक्ष्य है कि शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य को भी महत्व दिया जाना चाहिए। इस अवसर पर सेंटर की ओर से रेडियो कार्यक्रम “टॉक फॉर यॉर्सेल्फ” विषय पर मानसिक स्वास्थ्य पर खुली चर्चा को महत्वपूर्ण बताया। कार्यक्रम में बताया गया कि किस तरह से मानसिक स्वास्थ्य के प्रति निष्पक्ष तथा वैज्ञानिक दृष्टिकोण बनाने से ही समाज में व्याप्त इस विषय से जुड़ी भ्रांतियों को दूर किया जा सकता है। कार्यक्रम में संस्थान के छात्र छात्राओं ने बढ़चढ़कर प्रतिभाग किया और अपने विचारों को साझा किया।
इस अवसर पर अपने संदेश में निदेशक प्रो. अरविंद राजवंशी ने संस्थान के मनोवैज्ञानिकों तथा मनोचिकित्सकों की इस पहल की सराहना की और कहा कि एम्स प्रशासन विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सततरूप से कार्य कर रहा है और यह प्रयास आगे भी कार्य जारी रहेंगे। संस्थान के डीन (अकादमिक) प्रो. मनोज गुप्ता ने कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से विद्यार्थियों को अपने बीच इस प्रासंगिक विषय पर चर्चा करने का अवसर मिला है और उन्होंने छात्रों को यह चर्चा जारी रखने और इस बाबत अपने साथियों को भी जागरुक करने की सलाह दी। मनोचिकित्सा विभाग के एडिशनल प्रोफेसर एवं यूथ सेंटर की को-ऑर्डिनेटिंग फैकल्टी डॉ. विशाल धीमान ने बताया कि सभी छात्रों,विशेषरूप से मेडिकल छात्र-छात्राओं को अपने मानसिक स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना चाहिए, कारण है कि वह भावी भारतीय समाज के सुखद मानसिक स्वास्थ्य के कर्णधार हैं।
मनोचिकित्सा विभागाध्यक्ष डॉ. रवि गुप्ता और वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. अनिन्द्य दास ने छात्रों का मनोबल बढ़ाया। सेंटर में कार्यरत मनोवैज्ञानिक डा. अरुणिमा सेनगुप्ता लाहिड़ी ने बताया कि सेंटर 24 घंटे विद्यार्थियों को मानसिक स्वास्थ्य सेवा देने हेतु प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहा है, जहां छात्र हमेशा त्वरित समाधान को लेकर आशान्वित रहते हैं व अपने भावनात्मक और व्यवहारिक समस्याओं को विशेषज्ञों के समक्ष रखते हैं। उन्होंने बताया कि छात्रों को आगे बढ़कर समाज के लिए मानसिक स्वास्थ्य संवर्धन में पथप्रदर्शक बनना चाहिए। मनोवैज्ञानिक ब्रुज़िली अब्राहम ने बताया कि छात्रों को सिर्फ गंभीर मानसिक बीमारी ही नहीं असहज भावनाओं को संभालने हेतु भी मनोवैज्ञानिकों की मदद लेनी चाहिए और उन्हें बिना किसी संकोच के इस सेवा का लाभ उठना चाहिए। डा. गौरिक सक्सेना के संचालन में आयोजित कार्यक्रम में काउंसलर डॉ. अरुणिमा सेनगुप्ता लाहिड़ी, ब्रुज़िली अब्राहम आदि मौजूद थे।