उत्तराखंड के शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री अरविंद पाण्डेय ने जनता के नाम खुला पत्र जारी किया है। इसमें उन्होंने अपने 5 साल के कार्यकाल की उपलब्धियों का जिक्र किया है।
पत्र में उन्होंने कहा है कि आप सभी के आशीर्वाद से मुझ जैसे समाज के अन्तिम पायदान पर स्थित साधारण व्यक्ति को पिछले लगभग पांच वर्षों से प्रदेश के पंचायती राज मंत्री के रूप में आपकी सेवा करने का अवसर प्राप्त हुआ है। इस अवधि में मैने 73वें संविधान संशोधन की भावनाओं के अनुरूप प्रदेश की पंचायती राज व्यवस्था को सुदृढ़ करने का ईमानदारी से प्रयास किया है ।
ग्रामीण जनसंख्या की बहुलता वाले हमारे देश में सुदृढ़ पंचायती राज व्यवस्था की वकालत महात्मा गाँधी जी से लेकर दीनदयाल उपाध्याय जी तक ने की है । पंचायत के तीनों स्तरों को अधिक से अधिक स्वावलम्बी व स्वायत्त बनाये जाने के लिए हम कृत संकल्प है । साथ ही पंचायतों को ई-स्वरूप देकर समस्त व्यवस्थाओं को अधिक पारदर्शी एवं समयबद्ध बनाने के लिए कई प्रयास पंचायती राज विभाग द्वारा किए गये हैं। योजनाओं के निर्माण से लेकर उनके क्रियान्वयन के अनुश्रवण एवं भुगतान तक की समस्त प्रक्रियाओं को वैब पोर्टल के माध्यम सं संचालित किया जा रहा है । डी0 बी0 टी0 द्वारा भुगतान की प्रक्रिया सम्पादित की जा रही है जिससे भुगतान की प्रक्रिया में किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार की सम्भावना को समाप्त किया गया है ।
समय-समय पर पंचायती राज प्रतिनिधियों को इस व्यवस्था हेतु समुचित प्रशिक्षण दिया जा रहा है । अधिक से अधिक पंचायतों में पंचायत भवनों के निर्माण, पुराने भवनों की मरम्मत एवं इन भवनों को कम्प्यूटर आदि आधुनिक व्यवस्थाओं से सुसज्जित करने के कार्य लगातार किए जा रहे हैं । पंचायती राज व्यवस्था में शिक्षित युवाओं की अधिक से अधिक सहभागिता एवं जनसंख्या नियंत्रण को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से आवश्यक संशोधन पंचायती राज अधिनियम में किए गये हैं जिस कारण विभिन्न स्तरों पर बहुत बढ़ी संख्या में शिक्षित युवा पंचायती राज जन प्रतिनिधि के रूप में निर्वाचित होकर आये है। इसमें मातृशक्ति का प्रतिनिधित्व उत्साहजनक है । इन प्रतिनिधियों द्वारा जिस जज्बे के साथ अपने क्षेत्रों में विकास कार्य किए जा रहे है वो देश के सबसे विकसित राज्यों में उत्तराखण्ड को शुमार करने के हमारी सरकार के स्वप्न को पूर्ण करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है ।
मैं पंचायती राज जनप्रतिनिधियों के जिस कार्य के लिए सबसे अधिक कृतज्ञ हूँ वह है मानवता पर आये सबसे बड़े संकटों में से एक कोरोना महामारी में उनके द्वारा किए गये सेवा कार्य । इन जनप्रतिनिधियों ने अपने जीवन की परवाह न करते हुए विभिन्न राज्यों से आए उत्तराखण्ड के प्रवासी नागरिकों के आवास, भोजन आदि की व्यवस्था से लेकर वैक्सीनेशन के महाभियान तक में जो योगदान दिया है वह अभूर्तपूर्व और सराहनीय है ।
प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के समस्त ग्राम प्रधानों कों उनके सम्मान में दस हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि की घोषणा की है उसके लिए मैं हृदय की अनन्त गहराइयों से उनका आभार व्यक्त करता हूँ । मुख्यमंत्री द्वारा सभी स्तरों के पंचायती राज जनप्रतिनिधियों के मानदेय में वृद्धि की है तथा साथ ही हमारे सम्माननीय जिला पंचायत अघ्यक्षों को भी राज्य मंत्री का दर्जा देकर सम्मानित किया है ।
इस प्रकार सरकार पंचायती राज व्यवस्था को सशक्त बनाने के अपने संकल्प को पूर्ण करने की दिशा में आगे बढ़ रही है । इस आशा एवं अपेक्षा के साथ की आपका आशीर्वाद, स्नेह एवं सहयोग सदैव हमें मिलता रहेगा ।