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Saturday, July 27, 2024
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उत्तराखंड विधानसभा मानसून सत्र : विधायकों के प्रोटोकॉल उल्लंघन से स्पीकर नाराज

Uttarakhand Assembly Monsoon Session: उत्तराखंड विधानसभा का मानसून सत्र मंगलवार से शुरू हुआ था। पहले दिन सदन में दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि दी गई थी। दूसरे दिन अनुपूरक बजट पेश किया गया। सात सितंबर को जन्माष्टमी का अवकाश रहा। आज बजट पास कराया जाएगा।

सत्र के दौरान विधानसभा स्पीकर रितु खंडूरी भूषण ने विधायकों के प्रोटोकॉल उल्लंघन को लेकर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा  कि सदन गरिमामय जगह है। यहां विधायकों को गरिमा का ध्यान रखना चाहिए। लेकिन उनके व्यवहार से मैं बहुत निराश हूं। इसे लेकर उन्होंने मुख्य सचिव को अपने चैंबर में तलब किया।
सदन में कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने विशेषाधिकार हनन का मुद्दा उठाया। इस दौरान पीएमजीएसवाई के चीफ इंजीनियर पर फोन नहीं उठाने का मामला उठाया गया। चर्चा के दौरान सीईओ के पीएमजीएसवाई मुख्यालय में छापा मारने और फिर तीन दिन बाद उन्हें हटाए जाने का मामला भी उठा। वहीं, यशपाल आर्य भी चर्चा में शामिल हो गए। उन्होंने कहा कि अफसरशाही बेलगाम हो गई है। ये सवाल प्रीतम का नहीं, पूरे सदन की गरिमा का है। उन्होंने चीफ इंजीनियर पर कारवाई की मांग की।
अतिवृष्टि के मुद्दे पर सदन गरमा गया। मुआवजे के सवाल पर विपक्ष ने कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी को घेरा। बेमौसमी बारिश और ओलावृष्टि से किसानों को हुए नुकसान के मुआवजे को लेकर सवाल पूछा था। विपक्ष ने पूछा कि हरिद्वार में ब्लॉक के अनुसार कितना मुवावजा दिया गया। इस पर मंत्री आंकड़े नहीं दे पाए। मंत्री गणेश जोशी के जवाब से विपक्ष संतुष्ट नहीं हुआ और सदन में हंगामा काटा। इसके साथ ही प्रश्न काल समाप्त हो गया।
स्मार्ट सिटी के मुद्दे पर संसदीय कार्यमंत्री और कांग्रेस विधायक के बीच सदन में तीखी नोक-झोंक हुई। प्रीतम सिंह पूछा कि स्मार्ट सिटी के जो बचे काम है उनमें कितना धन खर्च होना है। मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने जवाब दिया लगभग 250 करोड़ के लगभग काम होने बाकी हैं।
प्रश्नकाल के दौरान सदन में स्मार्ट सिटी का मुद्दा उठा। कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने सवाल किया। इस पर शहरी विकास मंत्रीप्रेम चंद ने जबाब दिया कि स्मार्ट सिटी में कुल एक हजार करोड़ का बजट है। जिसमें से एक करोड़ 80 लाख रुपए के स्मार्ट टॉयलेट बने। 500 करोड़ केंद्र और 500 करोड़ राज्य सरकार देगी। केंद्र से 394 करोड़ पैसा मिल चुका है। 241 करोड़ राज्य सरकार भी दे चुकी है। इस दौरान सत्ता पक्ष के विधायक विनोद चमोली, प्रदीप बत्रा ने भी चर्चा में भाग लिया। मंत्री ने कहा 22 में से 16 काम पूरे हो चुके हैं। परियोजना में कुल 14 कंपनियां काम कर रही हैं। 24 जून 2024 तक यह परियोजना पूरी हो जाएगी।
बुधवार के बाद आज सदन में फिर प्रश्नकाल शुरू हुआ है। इस दौरान सबसे पहले विधायकों ने स्मार्ट सिटी का मुद्दा उठाया। विधायकों ने सरकार पर खूब सवाल दागे। वहीं, शहरी विकास मंत्री प्रेम चंद ने उनका जवाब दिया।
वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए सदन में पेश 11321 करोड़ के पहले अनुपूरक बजट में 3530 करोड़ रुपये का प्रावधान राजस्व और 7790 करोड़ का पूंजीगत मद में किया गया है। अनुपूरक बजट की मंजूरी के बाद राज्य का कुल बजट 88728 करोड़ रुपये का हो जाएगा। सरकार ने वित्तीय वर्ष के लिए 77407 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया था।
रुड़की में बलेड़ा प्रकरण और हल्द्वानी में सड़क, बिजली और पानी की समस्याओं को लेकर कांग्रेस विधायक सदन शुरू होने से पहले ही धरने पर बैठ गए। वहीं, उन्होंने बलेड़ा प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग की।

अनुपूरक बजट में इन योजनाओं के लिए प्रावधान

  • मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में रोजगार को बढ़ावा देने के लिए 5 करोड़।
  • आयुष्मान योजना में निशुल्क इलाज के लिए 200 करोड़।
  • स्वच्छ भारत मिशन के लिए 36 करोड़।
  • पशुपालकों को साइलेज चारा उपलब्ध कराने के लिए 7 करोड़।
  • स्कूली बच्चों को निशुल्क किताबों के लिए 68 करोड़।
  • निवेश प्रोत्साहन, स्टार्टअप व उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए 25 करोड़।
  • पंचायत भवनों के निर्माण को 10 करोड़।
  • बस अड्डों के निर्माण के लिए 10 करोड़।
  • स्टेट कैंसर संस्थान हल्द्वानी के लिए 20 करोड़।
  • स्पोर्ट्स स्टेडियम निर्माण कार्याें के लिए 20 करोड़।
  • हरिद्वार को पर्यटन विकास कार्यों के लिए 25 करोड़।
  • रूफ टॉप सोलर व स्ट्रीट लाइट के लिए 67 करोड़।
  • ऋषिकेश को योग नगरी के रूप में विकसित करने के लिए 30 करोड़।
विपक्ष स्वास्थ्य के मुद्दे पर सदन गरमा सकता है। स्वास्थ्य, बिजली कटौती और जंगली जानवरों के हमलों में जानमाल के नुकसान के मुद्दों पर आज सदन में हंगामे के आसार हैं। विपक्ष की इन मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी है।  विपक्ष स्वास्थ्य के मुद्दे पर नियम 310 के तहत चर्चा की मांग करेगा। देहरादून समेत राज्य में बढ़ रहे डेंगू के मामलों को लेकर भी विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी में है। कानून व्यवस्था के मुद्दे पर भी विपक्ष सरकार को घेरने की कोशिश करेगा। इसके अलावा विपक्ष बिजली कटौती, पलयान, जंगली जानवरों हमले से जानमाल के नुकसान का मुद्दा भी सदन में गरमा सकता है।
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