पेपर लीक मामले में एक और आरोपी पूर्व पीआरडी कर्मचारी संजय राणा को भी न्यायालय ने जमानत दे दी है। संजय राणा पर आरोप था कि उसने अपनी पत्नी को परीक्षा से पहले लीक किया हुआ पेपर मुहैया कराया था। अब तक इस मामले में कुल 19 लोगों की जमानत हो चुकी है।
आयोग में पीआरडी कर्मचारी रह चुके संजय राणा को एसटीएफ ने तीन सितंबर 2022 को गिरफ्तार किया था। एसटीएफ ने राणा के घर से एक कंप्यूटर, प्रिंटर और अन्य दस्तावेज बरामद किए थे। ये सभी पेपर लीक से संबंधित थे। आरोप है कि संजय ने अपनी पत्नी सहित अन्य अभ्यर्थियों को पेपर लीक की कापी पीआरडी जवान मनोज जोशी से ले कर दी थी।
अपर जिला जज चतुर्थ आशुतोष मिश्रा अदालत ने संजय राणा को एक लाख के निजी मुचलके और देश न छोड़ने की शर्त पर जमानत दी है। राणा समेत कई आरोपियों के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र और विश्वास का आपराधिक हनन की धाराएं भी जोड़ी गई थीं। अब तक इस मामले मे 19 आरोपियों को न्यायालय ने जमानत दे दी है, जबकि, 22 आरोपी अभी जेल में बंद हैं।
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UKSSSC paper Leak: यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में चंदन मनराल समेत नौ और आरोपियों को न्यायालय से जमानत मिल गई है। सभी को एक-एक लाख रुपये के निजी मुचलके और दो-दो जमानती प्रस्तुत करने की शर्त पर जमानत पर रिहा किया जाएगा। इसके अलावा पांच की जमानत अर्जी को न्यायालय ने खारिज कर दिया। अब तक इस मामले में 18 आरोपी जमानत पा चुके हैं। जबकि, हाकम सिंह समेत 23 आरोपी जेल में बंद हैं।
स्नातक स्तरीय परीक्षा की जांच के दौरान एसटीएफ ने कुल 41 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इनमें से 18 आरोपियों पर गैंगस्टर के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। इनमें से नौ आरोपियों को दिवाली से पहले जमानत मिल चुकी है।
जबकि, सूर्यवीर सिंह चौहान, कुलबीर सिंह, अंबरीश कुमार, राजवीर, दीपक चौहान, अजीत चौहान, विनोद जोशी, चंदन मनराल, जगदीश गोस्वामी, अमित सक्सेना, अभिषेक वर्मा, ललित राज शर्मा, विपिन बिहारी और तनुज शर्मा ने जमानत के लिए अर्जी लगाई थी।
अपर जिला जज चतुर्थ आशुतोष मिश्रा की अदालत ने शुक्रवार को सूर्यवीर सिंह चौहान, कुलवीर सिंह, अंबरीश कुमार, राजवीर, दीपक चौहान, अजीत चौहान, विनोद जोशी, चंदन मनराल और जगदीश गोस्वामी की जमानत मंजूर कर दी है। अदालत ने शर्त रखी है कि जमानत पर रिहा होने क बाद ये आरोपी देश से बाहर नहीं जा सकते हैं। इसके अलावा पांच अन्य की जमानत खारिज कर दी गई है।
इन सभी नौ आरोपियों से पैसे की रिकवरी न होने को जमानत का आधार बनाया गया है। इससे पहले भी नौ लोगों को इसी आधार पर जमानत मिली है। हालांकि, जांच अधिकारियों के अनुसार इतने पुराने मामले में रिकवरी होना बेहद मुश्किल होता है। अनुचित धन कमाकर लोगों ने संपत्तियां भी अर्जित की हैं। यही कारण है कि इनके खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई की गई है। गैंगस्टर एक्ट में संपत्तियों को जब्त करने का प्रावधान भी है।