राजकीय इंटर कॉलेज कीर्तिनगर टिहरी गढ़वाल में छात्रों के आपसी झगड़े में एक छात्र की दुखद मृत्यु होने पर राजकीय शिक्षक संघ टिहरी गढ़वाल अपनी संवेदना और दुख प्रकट करता है और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके इसके लिए विभाग को ठोस कार्य योजना बनाने का आह्वान करता है। यह बहुत ही हृदय विदारक घटना है जिस पर समस्त शिक्षक समाज को अत्यंत छोभ व दुख है ।
संघ के जिला अध्यक्ष श्याम सिंह सरियाल और जिला प्रवक्ता कमलनयन रतूडी ने कहा कि उक्त घटना विद्यालय में छुट्टी के समय घटित हुई। उक्त घटना के बाद विभाग द्वारा विद्यालय के व्यायाम शिक्षक वीर विक्रम सिंह रावत को निलंबित कर अपना पल्ला झाड़ दिया गया जबकि उक्त शिक्षक उस समय कक्षा में पठन-पाठन करवा रहा था। लेकिन खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा उक्त शिक्षक को दोषी बताया जाना खेद जनक है।
कहा कि खंड शिक्षा अधिकारी कीर्तिनगर द्वारा इस दुखद घटना का सारा ठीकरा शिक्षक के सिर पर फोड़ दिया गया तथा बाकी अन्य पहलुओं पर कोई विचार नहीं किया गया ।जबकि स्वयं खंड शिक्षा अधिकारी कीर्तिनगर का कार्यालय भी इसी स्कूल के पास ही स्थित है ।
राजकीय शिक्षक संघ टिहरी गढ़वाल शिक्षक के साथ किए गए इस अमानवीय व्यवहार की निंदा करता है और शिक्षक के निलंबन को शीघ्र समाप्त करने की मांग करता है ।बिना किसी तथ्यों सबूतों के केवल राजनीतिक दबाव में शिक्षक को निलंबित करना केवल शिक्षक के नहीं बल्कि तमाम शिक्षकों के मान सम्मान को ठेस पहुंचाना है ।
एक तरफ सरकार बच्चों को डराने धमकाने शारीरिक दंड देने पर भी स्कूल के शिक्षकों पर ही अनुशासनात्मक कार्यवाही करती है तथा दूसरी ओर विद्यालयों में अनुशासन कायम करने की जिम्मेदारी भी शिक्षकों पर ही डालती है। जनपद कार्यकारिणी टिहरी उक्त निलंबन को तत्काल वापस लेने की मांग करती है जिसे शिक्षक के साथ न्याय हो सके साथ ही जिला कार्यकारिणी यह भी मांग करती है कि यदि विद्यालय के प्रत्येक अनुशासन की घटना के लिए व्यायाम शिक्षक ही जिम्मेदार है तो उन प्रधानाचार्यों पर भी कार्यवाही की जाए जो व्यायाम शिक्षकों को पठन-पाठन का कार्य सौंपते हैं, क्योंकि इस तरह से एक व्यायाम शिक्षक दोहरी जिम्मेदारी नहीं ले सकता ।
राजकीय शिक्षक संघ टिहरी गढ़वाल विभाग से मांग करता है कि इस घटना की उच्च स्तरीय जांच हो तथा शिक्षिक का निलंबन तत्काल वापस लेने की मांग करता है यदि शिक्षक निलंबन तत्काल वापस नहीं लिया गया तो संगठन कठोर निर्णय लेने को बाध्य होगा जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी विभाग और एक तरफा कार्यवाही करने वाले अधिकारियों की होगी ।