श्री बदरीनाथ धाम/ माणा: 15 जून। श्री बदरीविशाल के क्षेत्र रक्षक श्री घंटाकर्ण महावीर माणा घन्याल मंदिर के कपाट आज 15 जून पूर्वाह्न 11बजे आषाढ माह कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि के शुभ अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए दर्शनार्थ खुल गये है। इसी के साथ ही श्री घंटाकर्ण महावीर की तीन दिवसीय जैठ पुजै भी शुरू हो गयी।
कपाट खुलने की प्रक्रिया प्रात: नौ बजे से शुरू हो गयी थी सबसे पहले भगवान विश्वकर्मा मंदिर के कपाट खुले उसके पश्चात देवी देवताओं श्री गणेश जी की पूजा-अर्चना के बाद पुराने मंदिर से समारोह पूर्वक भगवान श्री घटाकर्ण जी की प्रतिमा को को समारोह पूर्वक माणा गांव स्थित मंदिर में विराजमान किया गया। इसी के साथ बदरीनाथ धाम के समीप स्थित देश के प्रथम गांव माणा स्थिति भगवान श्री घंटाकर्ण मंदिर के कपाट इस यात्रा वर्ष हेतु खुल गये।
इस अवसर पर मंदिर को भब्य रूप से फूलों से सजाया गया था तथा महिला मंगल दल द्वारा भजन कीर्तन का आयोजन किया गया तथा परंपरागत नृत्य का आयोजन हुआ। प्रसाद वितरण पश्चात भंडारा भी आयोजित हुआ। बड़ी संख्या में स्थानीय श्रद्धालु एवं तीर्थयात्री भगवान घंटाकर्ण मंदिर में दर्शन को पहुंचे।
इस अवसर ग्राम पंचायत प्रधान पीताम्बर मोल्फा, श्री घंटाकर्ण जी के पश्वा आशीष कनखोली, मंगलेश्वर पश्वा रघुवीर सिंह, विश्वकर्मा पश्वा दिलबर, पूजा समिति अध्यक्ष जगदीश रावत, उपाध्यक्ष गुमान सिंह बड़वाल,सरपंच रघुवीर सिंह परमार, मोहन सिंह मोल्फा,कोषाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह बड़वाल, पश्वा गण क्रमश कुंदन सिंह टकोला, भगत सिंह टकोला, जगवीर परमार, केसर सिंह रावत, बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु एवं तीर्थयात्री मौजूद रहे।
आज शाम को भगवान घंटाकर्ण जी की दौड्या पूजा के बाद संध्या भजन शुरू हो गयी है। सोमवार को भी विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे तथा मंगलवार 17 जून को जैठ पुजे के समापन अवसर पर ग्रामीण खेल-कूद प्रतियोगिता साँस्कृतिक कार्यक्रमों में उत्तराखण्ड के प्रसिद्ध लोकगायक दरवान नैथवाल के गीतों की प्रस्तुति के बाद मुख्य अतिथि बदरीनाथ विधायक लखपत बुटोला कार्यक्रम का समापन करेंगे तथा पुरस्कार वितरण करेंगे।