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Monday, December 23, 2024
Homeज्योतिषभाद्रपद मास में महाभारत कालीन अशुभ 'विश्व घसन पक्ष"की पुनरावृत्ति

भाद्रपद मास में महाभारत कालीन अशुभ ‘विश्व घसन पक्ष”की पुनरावृत्ति

‍‍‍‍‍ज्योतिष गणित सिद्धान्त में तिथि,वार,नक्षत्र,योग और ग्रहों की सूक्ष्म गणना को विशेष महत्व दिया जाता है।इस बार तिथि की सूक्ष्म गणना के आधार पर भाद्रपद मास शुक्ल पक्ष (08 सितंबर से 20 सितंबर ,2021) में  13 दिन का पक्ष घटित हो रहा है।

ज्ञात हो कि भारतीय पंचांग की गणना अनुसार प्रति महीने शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष के 14,15 या 16 दिन तक घटित होते हैं। जो कि एक सामान्य गणित प्रक्रिया का हिस्सा है। लेकिन जब कभी किसी पक्ष में दो बार तिथि का क्षय होता है, तो वह पक्ष 13 दिन तक सिमट जाता है।

इस तेरह दिन के पक्ष को  “विश्व घसन पक्ष” कहते हैं।जिसे ज्योतिषीय दृष्टिकोण से अशुभ माना जाता है।   “विश्व घसन पक्ष”के मुख्य दुष्प्रभाव इस प्रकार हैं।

1समाज में व्यापक रूप से अशान्ति का वातावरण।    2.राजनैतिक पार्टियों में बिखराव।               3.राजनैतिक दलों में असामान्य टकराव ।     4.राजकीय संपत्ति को नुकसान।                              5.विश्व स्तर पर हिंसा और युद्ध का वातावरण।    6.किसी राज्य या देश में समय पूर्व सत्ता परिवर्तन।  7.प्राकृतिक आपदाओं का अधिक होना।।           8.आवश्यक वस्तुओं के मूल्यों में वृद्धि।।                9.देश -विदेश में किसी प्रमुख व्यक्ति का निधन आदि-आदि दुष्प्रभाव ” विश्व घसन पक्ष’ के कारण सम्भावित हैं।

‍भाद्रपद मास में पड़ने वाले “विश्वघसन पक्ष”को निःसंदेह  जयोतिष शास्त्र में मानव जाति से लेकर सृष्टि के सभी जीव जंतुओं के लिए अशुभ माना जाता है, इसमें कोई शंका नही है, कयोंकि पूर्व में भी इसके दुष्परिणाम अनुभवगम्य हैं। विशेषतौर पर यदि किसी बड़ी घटना का जिक्र करें तो द्वापरयुग के उस दौर का स्मरण सबसे पहिले आता है, जब कौरव और पांडवों की युद्ध विभीषिका के कारण भीष्म पितामह, गुरुद्रोणाचार्य,दाननवीर कर्ण जैसे महान योद्धाओं और अद्वितीय मानवीय गुणों से युक्त महामानवों सहित,बहुत बड़ी मात्रा में मानवीय छति सहित अनेक असंख्य हाथी,घोड़ों सहित जीव जंतुओं का संहार जग जाहिर है।

..लेकिन इस बार संयोग से “विश्व घसन पक्ष” के दौरान कही शुभ पर्व,दिन भी घटित हो रहे हैं, जिस कारण इस पक्ष का दोष अवश्य काम हो सकता है। और इन पर्व त्योंहारों को मानने,धारण आदि करने में भी विश्व घसन पक्ष”का कोई दोष नही है। इस पक्ष में पड़ने वाले मुख्य त्योहार।

1. दिनांक 09 सितंबर हरितालिका तृतीय। इस दिन व्रत रखकर भगवान शिव और माता गौरी की पूजा का विधान है।इस दिन सौभाग्यवती स्त्री सन्तति की कामना से भी शिव-गौरी की पूजा करती है।। 2.दिनांक 10 सितंबर गणेश चतुर्थी व्रत। गणेश जी सभी प्रकार के विघ्न,बाधा और विपत्ति का निवारण करते हैं।सभी लोग भली भांति विदित ही हैं। 3.14सितंबर राधा अष्टमी।
4.17 सितंबर भगवान “वामन”जयन्ति।।

इस प्रकार यह पक्ष जहां अशुभता का द्योतक माना जाता है, वहीं दूसरी तरफ बहुत विघ्नहर्ता गणेश चतुर्थी, वामन जयन्ति और राधा अष्ठमी जैसे शुभ संयोग भी घटित हो रहे हैं। अतः विश्व घसन पक्ष का अशुभ प्रभाव अवश्य कुछ कम होगा ही होगा।

‍आचार्य पंकज पैन्यूली

(ज्योतिष एवं आध्यात्मिक गुरु)संस्थापक भारतीय प्राच्य विद्या पुनुरुत्थान संस्थान ढालवाला। कार्यालय-लालजी शॉपिंग कॉम्प्लेक्स मुनीरका, नई दिल्ली। शाखा कार्यालय-बहुगुणा मार्ग पैन्यूली भवन ढालवाला ऋषिकेश।सम्पर्क सूत्र-9818374801,8595893001

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