देहरादून। यूं तो हर मां का स्वभाव ही इस तरह का होता है कि वह अपने बच्चों व परिवार का अच्छे से ध्यान रखती है। खान पान से लेकर तमाम जिम्मेदारियां उठाती है। अपने से अधिक अपने परिवार का ध्यान रखती है।लेकिन एक समझदार मां वही है जो अपने बच्चों के साथ पूरे परिवार को सुरक्षा कवच भी मुहैया कराए, जो आयुष्मान कार्ड के जरिए उत्तराखंड प्रदेश में आसानी से संभव होता है। ऐसी ही समझदार मां का उदाहरण यहां प्रस्तुत है।
जनपद पिथौरागढ़ के कुंधार निवासी मंजू भी उन समझदार मांओं में से एक है, जो अपने बच्चों की परवरिश में शिक्षा, स्वास्थ्य के साथ ही उन्हें आयुष्मान का सुरक्षा कवच दिलाने का भी पूरा ध्यान रखती हैं। समाज में एक जागरूक महिला की तरह जब मंजू देवी ने राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा संचालित राज्य सरकार की आयुष्मान योजना और उसके लाभ के लिए आयुष्मान बनाने के बारे में जानकारी ली तो बगैर देर किए ही उन्होंने अपने बच्चे का भी कार्ड बनवा लिया।
पिछले दिनों एक घटनाक्रम में उनके बेटे का हाथ फै्रक्चर हुआ, तो मंजू ने पूरे धैर्य और समझदारी के साथ काम लिया और अब आयुष्मान कार्ड के जरिए उनके बेटे का अस्पताल में मुफ्त उपचार हो रहा है। मंजू यदि समझदार ना होती तो वह योजना का लाभ नहीं उठा पाती। आज वह अन्य मांओं के लिए प्रेरणा बनी हैं। वह जानती हैं कि इस कार्ड के जरिए प्रति वर्ष हर परिवार पांच लाख तक का मुफ्त उपचार योजना के सूचीबद्ध अस्पतालों से ले सकते हैं। वह कहती हैं कि सभी को आयुष्मान कार्ड बनाने चाहिए, ताकि खराब वक्त में अनावश्यक परेशानियों से बचा जा सके। कार्ड बनाने को लेकर वह अन्य लोगो से अपील करती हैं और योजना के लिए प्रदेश व केंद्र सरकार का आभार भी पूरी जिम्मेदारी के साथ जताती हैं। और टॉल फ्री नंबर 155368/18001805368 के फायदों का भी जिक्र करती हैं।
साफ है कि यदि आप स्वयं और परिवार को लेकर जिम्मेदार हैं तो मंजू की तरह आप भी जिम्मेदारी समझें। ताकि जरूरत पड़ने पर आप भी अपनी जागरूकता व समझदारी की बात को किसी के साथ साझा कर सकें।