मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. सन्धु की अध्यक्षता में उनके सचिवालय सभागार में मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के अन्तर्गत विभिन्न विभागों से अपेक्षित सहयोग के संबंध में समीक्षा बैठक आयोजित की गयी।
बैठक में मुख्य सचिव ने वात्सल्य योजना के तहत चिन्हित किये जा रहे बच्चों को दिये जाने वाले विभिन्न लाभ और उनकी दी जाने वाली विभिन्न सहायता के संबंध में कृत कार्यवाही का विवरण प्राप्त करते हुए संबंधित विभागों को निर्देश दिये कि कोविड काल के दौरान अनाथ हुआ एक भी बच्चा वात्सल्य योजना के लाभ से वंचित ना रहने पाये।
उन्होंने बाल विकास विभाग को फील्ड में जाकर अब तक किसी कारण से आवेदन से वंचित हुए बच्चों को भी ट्रैक करते हुए उनके आवेदन भी भरवाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चे जिनके आवेदन पूर्ण करने में किसी प्रकार की दिक्कत आ रही है अथवा आवेदन के साथ पूरी की जाने वाली औपचारिकताओं को पूरा नहीं कर पा रहे हैं, ऐसे बच्चों के आवेदनों की औपचारिकताओं को पूरा करने में स्वयं भी सहयोग करें।
मुख्य सचिव ने स्वास्थ्य विभाग, स्वास्थ्य शिक्षा विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, तकनीकी शिक्षा विभाग, कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग और कार्मिक विभाग सभी को निर्देश दिये कि कोविड काल में अनाथ हुए बच्चों के हित में आवश्यकतानुसार विभागीय नियमावली में जो भी संशोधन किये जाने में तत्काल करते हुए स्थिति पूरी तरह स्पष्ट करें।
मुख्य सचिव ने स्वास्थ्य विभाग को मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के लाभार्थियों को अटल आयुष्मान योजना का लाभ दिलाने, विद्यालयी शिक्षा को विद्यालयों में निःशुल्क प्रवेश, शिक्षा, हॉस्टल में निःशुल्क बोर्डिंग, उच्च शिक्षा विभाग को शुल्क माफी, ड्रेस व निःशुल्क बोर्डिंग, कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग को क्षैतिज आरक्षण का प्रतिशत तय करने, का प्रशिक्षण के लाभ, निःशुल्क टूल किट, शुल्क माफी, जॉब प्लेसमेंट इत्यादि के संबंध में नियमावली निर्धारण के निर्देश दिये। उन्होंने खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग को निःशुल्क राशन व राशन कार्ड बनवाने तथा कार्मिक विभाग को 5 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिलाने के लिये रोजगार हेतु प्रशिक्षण की आवश्यकता की स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश दिये।
इस दौरान सचिव एच.सी. सेमवाल ने मुख्य सचिव को अवगत कराया कि अब तक प्रदेश में कुल 1706 बच्चों को मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के अंतर्गत लाभान्वित किया जा चुका है तथा शेष अन्य पात्र लाभार्थियों के आवेदन पत्र एवं अभिलेख तैयार किये जा रहे हैं। सम्बन्धित जनपदों के जिलाधिकारियों के माध्यम से अनुमोदित आवेदनों को तद्नुसार लाभान्वित किया जायेगा।
इस दौरान बैठक में सचिव अरविन्द सिंह ह्यांकी, श्रीमती राधिका झा, बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम, दीपेन्द्र कुमार चौधरी सहित संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्य सचिव डॉ एस.एस सन्धु की अध्यक्षता में सचिवालय सभागार में असंगठित क्षेत्र के कामगारों के पंजीकरण के संबंध में समीक्षा बैठक आयोजित की गयी तथा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिलाधिकारियों को भी इस संबंध में दिशा निर्देश दिये गये।
मुख्य सचिव ने श्रम विभाग को निर्देशित किया कि प्रदेश के सभी 32 लाख असंगठित कामगारों (घरेलू श्रमिक, मनरेगा मजदूर, स्वयं सहायता समूह, कृषि एवं भूमिधर मजदूर, आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों, भवन निर्माण श्रमिक, ठेला एवं फेरिवाले, ईंट-भट्टा मजदूर, मछुवारे, लघु एवं खुदरा उद्योग) का जन सुविधा केन्द्र (सीएससी सेन्टर) में निःशुल्क पंजीकरण करवाने के निर्देश दिये।
उन्होंने ऐसे रिमोट ऐरिया जहां पर इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्या रहती है वहां के कामगारों के पंजीकरण के लिये क्षेत्र में विशेष शिविर के आयोजन अथवा उनके पंजीकरण के लिये कोई प्लान बनाने के निर्देश दिये, ताकि कोई भी गरीब मजदूर, कामगार भारत सरकार अथवा राज्य सरकार की किसी कल्याणकारी कामगार योजना से वंचित न रहने पाये।
उन्होंने ऐसे विभाग जहां पर बल्क में कामगार कार्य करते हैं जैसे चिकित्सा विभाग के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कामगार, बाल विकास विभाग की आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों, ग्राम्य विकास विभाग के मनरेगा मजदूर, श्रम विभाग, उद्योग व विभिन्न निर्माण विभाग जहां पर सामूहिक रूप से मजदूर काम करते हैं। ऐसे सभी विभाग भी मजदूरों का अपने स्तर से ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण करवायें। उन्होंने कहा कि श्रमिकों के पंजीकरण में यदि श्रमिक संगठन भी अपना योगदान देना चाहते हैं तो उनका भी सहयोग लिया जाए।
मुख्य सचिव ने इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों को भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से निर्देशित किया कि वे भी इस संबंध में जनपद स्तर पर विभिन्न विभागों की बैठक करते हुए सभी असंगठित श्रमिकों की पहचान करने तथा उन सभी का शत-प्रतिशत पंजीकरण करवाने के लिये प्लान बनाने को कहा।
मुख्य सचिव ने कहा कि पंजीकरण हेतु शिविर लगाने का समय तथा सीएससी सेन्टर पर पंजीकरण करवाने का समय ऐसा रखें ताकि कामगार मजदूर की दैनिक मजदूरी का नुकसान ना हो। हो सके तो शिविरों को 05 बजे के बाद ही लगाया जाए।
इस दौरान सचिव श्रम हरबंस सिंह चुघ ने कहा कि भारत सरकार द्वारा असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का राष्ट्रीय डेटाबेस तैयार कराये जाने हेतु 26 अगस्त 2021 को ई-श्रम पोर्टल का विधिवत शुभारम्भ करते हुए राज्यों को हस्तगत करा दिया गया है। उन्होंने कहा कि कर्मकार अथवा स्व नियोजित व्यक्ति द्वारा आधार नम्बर बैंक, पासबुक, मोबाइल नम्बर के साथ जन सुविधा केन्द्र (सीएससी) में उपस्थित होने पर निशुल्क पंजीकरण करवाये जाने की व्यवस्था होगी। पंजीकरण कार्य में किसी तरह का संशोधन कराने के लिये कामगर को जन सुविधा केन्द्र को केवल 20 रुपये का भुगतान करना होगा।
इस दौरान बैठक में प्रमुख सचिव एल.एल फैनई, सचिव अमित नेगी, दिलीप जावलकर, एच.सी सेमवाल, प्रभारी सचिव विनोद कुमार सुमन, निदेशक आईटीडीए आशीष कुमार श्रीवास्तव, अपर सचिव मत्स्य देव कृष्ण तिवारी, अपर सचिव श्रम यूएन पाण्डेय, महानिदेशक उद्योग रोहित मीणा, महानिदेशक शिक्षा बंशीधर तिवारी, श्रम आयुक्त संजय कुमार सहित श्रम संगठनों के पदाधिकारी और सम्बधित अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. सन्धु ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारियों की कोविड-19 तथा डेंगू- मलेरिया रोकथाम के संबंध में समीक्षा बैठक लेते हुए दिशा-निर्देश दिये।
बैठक में अपर सचिव श्रीमती सोनिका द्वारा प्रेजेंटेशन के माध्यम से कोविड-19 की वैश्विक स्तर व राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर पर वर्तमान स्थिति तथा प्रदेश में संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए की गयी तैयारियों और सामने आ रही चुनौतियों को प्रेजेंटेशन के माध्यम से विवरण प्रस्तुत किया गया। तत्पश्चात सभी जिलाधिकारियों ने अपने जनपदों की चुनौतियों और फीडबैक को साझा किया।
मुख्य सचिव ने इस दौरान निर्देश दिये कि तीसरी कोविड लहर से संबंधित जो भी तैयारी अभी तक पूरी नहीं हो पायी है उन्हें शीघ्रता से पूरा कर लें। वैक्सीनेशन की गति गढ़ायें तथा जिन लोगों को अभी तक कोविड वैक्सीन नहीं लग पायी है उनको फील्ड में जाकर ट्रेस करें। इसके लिये ग्राम प्रधान से लेकर क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत, नगर पालिका, नगर निगम और बड़े स्तर के जनप्रतिनिधियों सभी से अपेक्षित सहयोग भी ले सकते हैं ताकि कोई भी व्यक्ति प्रदेश में कोविड के टीकाकरण से वंचित ना रहने पाये। उन्होंने मच्छर जनित बीमारियों डेंगू, मलेरिया की रोकथाम के लिये लगातार सेंसेटिव क्षेत्रों की पहचान करते हुए समय पूर्व रोकथाम के कदम उठाने और मच्छर पनपने के पूरे सीजन के दौरान लगातार विभिन्न क्षेत्रों में फॉगिंग, बेहतर साफ-सफाई, रुके हुए पानी को हटाने के लिये विभागीय स्तर पर भी तथा लोगों को इसके लिये संवेदनशील करते रहने के भी निर्देश दिये।
उन्होंने इस दौरान सभी जिलाधिकारियों को जनपद की कार्यप्रणाली को सुगम, सरल और पारदर्शी बनाने के लिये बेहतर प्लान बनाने के निर्देश देते हुए कहा कि यदि इसके लिये कोई अपेक्षित सुझाव हों तो उसको भी निःसंकोच साझा करने को कहा। साथ ही उन्होंने शासन-प्रशासन को अधिक जन उपयोगी बनाने तथा लोगों को केन्द्र व राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का समुचित लाभ प्रदान करने के लिये सिविल सोसाइटी को पब्लिक फोरम के माध्यम से जोड़ने के लिये एक फोरम बनाने को कहा, जिससे सेवानिवृत्त व्यक्ति तथा देश-समाज के लिये कुछ कर गुजरने की मंशा रखने वाले व्यक्ति की फीडबैक और उनकी ऊर्जा का भी जन कल्याण में बेहतर उपयोग सुनिश्चित हो सके।
इस दौरान सचिवालय सभागार में सचिव श्री अमित नेगी, प्रभारी सचिव श्री पंकज पाण्डेय, अपर सचिव श्रीमती सोनिका सहित संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे तथा विभिन्न जनपदों के जिलाधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े हुए थे।