आज भारत ही नहीं बल्कि पूरा विश्व पर्यावरण दिवस मना रहा है, ऐसे में राजधानी देहरादून के तीन चिकित्सकों ने नेचर प्रिस्क्रिप्शन को उत्तराखंड में एक अभियान के तौर पर बढ़ावा देने की शानदार पहल की है।
नेचर प्रिस्क्रिप्शन को पिछले कुछ सालों में विशेषकर कोरोना महामारी के बाद विकसित देशों में बड़ी तेज़ी से मेडिकल फ्रेटरनिटी द्वारा अपनाया जा रहा है और इस पर कई स्तरीय शोध भी हुये हैं जो इसके क्लिनिकल फ़ायदों के साथ ही साथ पर्यावरण और क्लाइमेट चेंज जिसका कि हमारे स्वास्थ्य पर सीधा असर होता है उसके प्रति लोगों को जागरूक भी करता है।
इसमें चिकित्सक अपने मरीज़ों को उनकी शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के अनुसार और उनके रहन शहन के आधार पर प्रकृति से जुड़ने या प्रकृति को बचाने के लिये कुछ करने की सलाह लिख कर या समझा कर अपने प्रिस्क्रिप्शन के रूप में दवाई या अन्य उपचार के साथ देते हैं।
स्टडीज़ से पता चला है कि इसका असर मरीज़ों के साथ ही साथ उनके बच्चों, परिवार और समुदाय पर बहुत सकारात्मक होता है और लोग जलवायु परिवर्तन पर बात करने लगते हैं और फिर सरकारों से भी इस सम्बन्ध में प्रश्न करने लगते हैं क्योंकि ये सीधे उनके और उनके परिवार के स्वास्थ्य से जुड़ता है।
राजधानी देहरादून के तीन चिकित्सकों डॉ महेश भट्ट (सर्जन, लेखक, एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य सलाहकार), डॉ शंकर दत्त जोशी (Senior Consultant Physician) और डॉ विक्रम सिंह (Senior Consultant Nephrologist) के द्वारा इसकी शुरुआत 1 जून 2023 से उत्तराखंड में कर दी गई है।
सर्जन, लेखक, एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य सलाहकार डॉ महेश भट्ट ने बताया कि इस पूरे विचार को मेडिकल फ्रेटरनिटी एक अवसर के रूप में देख रही है, बहुत जल्द इस मुहिम में अन्य चिकित्सक भी जुड़ने वाले हैं और इस मुहिम को MMBSHS Trust, Rotary Club, IMA, PMS Association, Medical Colleges और अन्य के साथ मिलकर पूरे प्रदेश के साथ ही साथ देश भर में ले ज़ाया जाएगा।