कठिन विपरीत परिस्थितियों के बीच केदारनाथ पैदल मार्ग से रेस्क्यू अभियान मंगलवार को छठे दिन भी जारी है। मंगलवार को करीब 150 स्थानीय लोगों को केदारनाथ से भीमबली के लिए एनडीआरएफ एव एसडीआरएफ की देखरेख में रवाना किया गया है। जंगलचट्टी से भी 161 लोगों को एनडीआरएफ चीरबासा लेकर पहुंच रही है।
वहीं सोनप्रयाग में मंदाकिनी नदी पर सेना द्वारा बनाए गए पैदल पुल का निर्माण पूरा होने से भी रेस्क्यू एव राहत कार्यों में बड़ी राहत मिली है। केदारघाटी में मौसम का मिजाज सुबह 10 बजे तक ठीक नहीं हुआ है, विजिबिलिटी बाधित होने के चलते हैली सेवाओं से अब तक रेस्क्यू शुरू नहीं किया जा सका है।
उधर सड़क एव पैदल मार्गों के पुनर्स्थापन का कार्य तेजी से शुरू हो गया है। विभिन्न स्थानों पर पीडब्लूडी की टीम की निगरानी में पैदल यात्रा मार्गों का निर्माण शुरू हो गया है। वहीं राष्ट्रीय राजमार्ग सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच वाश आउट एरिया एव अन्य क्षतिग्रस्त मार्गों पर कार्य शुरू कर चुके हैं।
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केदारनाथ पैदल मार्ग पर अतिवृष्टि के बाद अलग-अलग स्थानों पर फंसे यात्रियों और स्थानीय लोगों का रेस्क्यू पांचवें दिन भी जारी रहा। सोमवार को 1401 लोगों का रेस्क्यू किया गया। जिसमें एमआई-17, चिनूक सहित अन्य हेलिकॉप्टर से 645, पैदल मार्ग से 584 और भीमबली-लिनचोली-चौमासी मार्ग से 172 यात्री व स्थानीय लोगों को निकाला गया।
पांच दिन में अभी तक कुल 11,775 यात्रियों का रेस्क्यू किया जा चुका है। वहीं, रेस्क्यू कार्य में लगी एसडीआरएफ की टीम ने केदारनाथ पैदल मार्ग पर पांच किमी क्षेत्र में ड्रोन से सर्च अभियान चलाया।
अभियान के दौरान लिंचोली से एसडीआरएफ की टीम को पत्थर के नीचे हरियाणा के एक यात्री का शव बरामद हुआ। सोमवार को मिले शव की पहचान गौतम (28) पुत्र संजय, निवासी जगाधरी, यमुनानगर हरियाणा के रूप में की गई। इससे पूर्व तीन शव मिल चुके हैं।
सोमवार को एनडीआरएफ और एडडीआरफ के जवानों ने सोनप्रयाग सहित अन्य स्थानों पर सुबह सात बजे से रेस्क्यू शुरू किया। सोनप्रयाग में एनडीआरफ ने ट्राली और अस्थायी रास्ते से 584 यात्रियों का रेस्क्यू किया। इनमें 25 महिलाएं और तीन बच्चे भी शामिल हैं।
एनडीआरएफ के कमांडेंट सुदेश द्राल ने बताया कि 83 जवानों की अलग-अलग टीमें अतिवृष्टि प्रभावित रास्ते से लेकर अन्य स्थानों पर रेस्क्यू में जुटी हैं। वहीं एसडीआरएफ के जवान भी रेस्क्यू में जुटे रहे।
कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने बताया कि पैदल मार्ग से लेकर गौरीकुंड से सोनप्रयाग तक रेस्क्यू कार्य किया गया है। सुबह मौसम साफ होने पर भारतीय सेना के चिनूक हेलिकॉप्टर ने गौचर हवाई पट्टी से केदारनाथ जबकि एमआई-17 हेलिकॉप्टर ने चारधाम-गुप्तकाशी हेलिपैड से केदारनाथ के लिए उड़ान भरी।
दोनों हेलिकॉप्टर ने दो-दो शटल की, जिसमें क्रमश: 65 व 61 यात्रियों का रेस्क्यू किया गया। इसके अलावा भीमबली और चीरबासा हेलिपैड से निजी हेली कंपनियों के तीन हेलिकॉप्टर से 519 यात्रियों का रेस्क्यू कर केदारघाटी के अलग-अलग हेलिपैड पर पहुंचाया गया। अतिवृष्टि के बाद चले राहत व बचाव कार्य में अबतक कुल 11,775 यात्रियों का रेस्क्यू किया जा चुका है।