केदारनाथ उपचुनाव सिर्फ एक विस सीट नहीं रहा। इस सीट पर प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा की प्रतिष्ठा नहीं विचारधारा भी दांव पर लगी थी। बदरीनाथ में हार के बाद उसे वैचारिक मोर्चे पर रक्षात्मक होना पड़ा था। पार्टी ऐसी असहज स्थिति दोबारा नहीं बनने देना चाहती थी। इसलिए पार्टी ने उपचुनाव पूरी ताकत झोंकी।
Kedarnath By Election: महिला प्रत्याशी की जीत का मिथक बरकरार, जीत की यह रही खास वजहें
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