आचार्य पंकज पैन्यूली नवग्रहों में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखने वाले देवगुरु बृहस्पति कल यानि (20 नवंबर 2021) रात्रि 11 बजकर 19 मिनट पर नीच राशि “मकर”से निकलकर कुम्भ राशि में प्रवेश कर रहे हैं। वस्तुतः ज्योतिष के अनुसार वृहस्पति मकर राशि में नीच का (नकारात्मक प्रभाव वाला) और कर्क राशि में उच्च का (सकारात्मक प्रभाव वाला) माना जाता है। तथा धनु और मीन राशि का स्वामी माना जाता है।
20 नवंबर को वृहस्पति लगभग 12 महीने के बाद नकारात्मक प्रभाव से निकल रहे हैं। जिसका लाभ हर किसी जातक को मिलने वाला है। चूंकि वृहस्पति को बहुत ही शुभ और महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है। और जो जितना महत्वपूर्ण होता है, उसके नकरात्मक या कमजोर होने पर उसी अनुपात में हानि या नुकसान देने की भी उतनी ही संभावना होती है।।
निःसंदेह एक वर्ष के अन्तराल तक वृहस्पति के नीच होने पर ख़ासकर उन लोगों को परेशानी रही होगी जिनकी कुण्डली में वृहस्पति जन्म के समय या तो नीच राशि में रहा होगा या फिर अन्य किसी प्रकार से पीड़ित रहा होगा।।
तो आइयें अब जानते हैं, कि कुम्भ राशिगत वृहस्पति का किन-किन राशियों में क्या-क्या प्रभाव रहने वाला है।।
मेष राशि:मेष राशि और मेष लग्न वालों के लिए गुरु लाभ भाव में होने के कारण,आय के साधनों में वृद्धि कारक होगा। जो लोग अविवाहित हैं, और रिश्ता ढूंढ रहे हैं, उन्हें अपेक्षित रिश्ते मिलेंगे। आप नये और प्रभावशाली मित्रों के साथ सम्पर्क साधने में सफल होंगे। पुराने मित्रों और परिचितों से भी आपको भरपूर सहयोग मिलेगा।
मिथुन राशि: मिथुन लग्न और मिथुन राशि से वृहस्पति त्रिकोण भाग्य भाव में स्थित रहेंगे। फलस्वरूप भाग्य वृद्धि और रुके हुए कार्य पूर्ण होंगे। आपको उच्च शिक्षा में प्रवेश और गुरुजनों का आशीर्वाद और कुशल मार्गदर्शन मिलेगा। विदेश जाने के भी अच्छे अवसर प्राप्त होंगे।
तुला राशि:तुला लग्न और तुला राशि से वृहस्पति शुभ भाव में स्थित रहेंगे। आपको अथवा आपकी सन्तान को शिक्षा प्राप्ति में या प्रतियोगी परीक्षा में अपेक्षित सफलता प्राप्त होगी। नौकरी में पदोन्नति और उच्चस्थ अधिकारियों का सहयोग मिलेगा। आप बौद्धिक रूप से सक्रिय और रचनात्मक कार्यों में रुचि बनाये रखेंगे। मान-सम्मान में वृद्धि होगी।
मकर राशि:मकर लग्न अथवा मकर राशि वालों के लिए भी बृहस्पति शुभ फल देने वाले रहेंगे। विगत एक वर्ष से रुके हुए कार्य सुधरने शुरू होंगे। खासकर विवाह होने में जो रुकावटें आ रही थी वे,दूर होंगी।
कुंभ राशि:कुंभ राशि अथवा लग्न वालों के लिए बृहस्पति केंद्रगत होने के कारण हर प्रकार से शुभ रहने वाला है। शिक्षा, वैवाहिक और भाग्य से संबंधित शुभ फल गुरु से प्राप्त होंगे।।
नोट-कर्क लग्न अथवा कर्क राशि वालों के लिए वृहस्पति अष्टम भाव में रहने के कारण थोड़ा बहुत संघर्षकारक रह सकता है। अतः आपको कार्य अनुकूलता के लिए वृहस्पति के मंत्र जप करने होंगे।
कन्या लग्न अथवा कन्या राशि वालों के लिए वृहस्पति छठे भाव में स्थित होंगे। फलस्वरूप आपको भी नौकरी व्यवसाय में कुछ अधिक संघर्ष करना पड़ सकता है। अतः संघर्ष को कम करने व वृहस्पति की शुभता के लिए वृहस्पति के मंत्र का जप या भगवान विष्णु के मंत्रों का जप करें।
वृष, सिंह, वृश्चिक, धनु और मीन राशि वालों के लिए बृहस्पति सम अर्थात सामान्य प्रभाव देने वाले रहेंगे।
आचार्य का परिचय:
आचार्य पंकज पैन्यूली (ज्योतिष एवं आध्यात्मिक गुरु) संस्थापक भारतीय प्राच्य विद्या पुनुरुत्थान संस्थान ढालवाला। कार्यालय- लालजी शॉपिंग कॉम्प्लेक्स मुनीरका, नई दिल्ली। शाखा कार्यालय-बहुगुणा मार्ग पैन्यूली भवन ढालवाला ऋषिकेश। सम्पर्क सूत्र-9818374801, 8595893001