जोशीमठ में वैध, अवैध दोनों तरह के भवन स्वामियों को तय फार्मूले के हिसाब से मुआवजा मिलेगा। यदि किसी प्रभावित के पास भवन की भूमि के अभिलेख नहीं हैं, उन्हें मुआवजे के लिए बिजली, पानी और सीवर बिल दिखाना होगा। इसके लिए कट ऑफ डेट 2 जनवरी 2023 तय की गई है। बिल दो जनवरी 2023 से पहले का होना चाहिए। मुआवजे के लिए नो ड्यूज भी जमा करना होगा।
जोशीमठ में यदि किसी की कई दुकानें हैं तो भी उन्हें 15 वर्ग मीटर की एक दुकान मिलेगी। एक से अधिक दुकानों एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों का मुआवजा दिया जाएगा।
आपदा प्रभावित क्षेत्र में यदि किसी का पट्टे की भूमि पर भवन है तो उसे भी मुआवजा मिलेगा। जबकि भूमि के लिए उसे पट्टे की भूमि को सरेंडर करना होगा।
जोशीमठ में यदि किसी का भवन सुरक्षित है, लेकिन भूमि सुरक्षित नहीं हैं। ऐसे में जांच एजेंसियों की रिपोर्ट के बाद सरकार गाइड लाइन तैयार करेगी। जिसके आधार पर इस भूमि पर भविष्य में निर्माण कार्य के लिए अनुमति दी जाएगी।
प्रभावितों के पुनर्वास के लिए शासन के तीन अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी। आपदा प्रबंधन सचिव डा.रंजीत सिन्हा ने कहा चारधाम यात्रा को देखते हुए सरकार की ओर से यह निर्णय लिया गया है। जबकि प्रभावित परिवारों को मुआवजे की राशि एसडीएम की अध्यक्षता में दी जाएगी।
मुख्यमंत्री के सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम के मुताबिक ऐसे परिवार जिनके भवन और भूमि दोनों ही तकनीकी संस्थाओं की ओर से असुरक्षित घोषित किए गए हैं, यदि वे आवासीय भवन के लिए भूमि की मांग करते हैं तो संबंधित को भवन निर्माण के लिए अधिकतम 75 वर्ग मीटर भूमि दी जाएगी। यदि किसी की इससे कम जमीन बनती है, तो उसे कम भूमि दी जाएगी और अधिक बनेगी तो 75 वर्ग मीटर से अधिक पर मुआवजा दिया जाएगा।
आवासीय भवनों के मामले में किसी भवन की रेट्रोफिटिंग की जरूरत होगी तो संबंधित को इसके लिए पैसा दिया जाएगा या फिर सरकार खुद इसे कराएगी। बताया गया कि रिपोर्ट आने के बाद यह तय किया जाएगा।