डॉ महेश भट्ट
आज अन्तर्राष्ट्रीय स्वच्छ वायु दिवस (International Clean Air and Blue Sky Day) है, इसका महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है जब कई शोधों से ये पता चलता है कि लगभग सत्तर लाख लोगों की असामयिक मौत वायु प्रदूषण के कारण विश्व में हर साल हो रही है।
यही नहीं है वायु प्रदूषण हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को अनेक प्रकार से नुक़सान पहुँचा रहा है, इसका सीधा असर समाज के गरीब तबकों पर ज़्यादा होता है और बहुत हद तक ये समाज में असमानता की खाई को बढ़ावा देने लगा है और हमारे देश में ये हमारी आयु में से पाँच वर्ष घटा रहा है।
साथ ही साथ विश्व के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में से 14 शहर हमारे देश में हैं और दिल्ली दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानियों में पहले स्थान पर है। तो हम ऐसे में क्या कर सकते हैं? हम बहुत कुछ कर सकते हैं लेकिन शुरुआत हमको अपने आप से ही करनी होगी, जैसे हम कार पूल कर सकते हैं, कार का नियमित प्रदूषण जाँच करवा कर प्रदूषण में अपनी कार के योगदान को कम कर सकते हैं, जहां सम्भव हो साइकिल और पैदल चलने की आदत डाल सकते हैं, खुले में कूड़ा न जलायें ऐसा अपने मुहल्ले के लोगों को समझा सकते हैं।
दीपावली पर पटाखे न जलाने के लिए अपने आप को अपने परिवार एवं दोस्तों के साथ अपने आसपास के लोगों को प्रेरित कर सकते हैं, पेड़ लगा सकते हैं और सम्भव हो तो उनको कटने से रोकने में सहायक हो सकते हैं, लेकिन सबसे ज़रूरी है प्रदूषण के बारे में अपने परिवार में अपने बच्चों से बात कर सकते हैं।