इंजीनियरिंग के क्षेत्र में एमएस एक्सेल और गूगल फॉर्म्स की उपयोगिता को देखते हुए इनके प्रयोग और कार्यप्रणाली पर विस्तार से चर्चा के लिए देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी में चार दिवसीय राज्यस्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें इंजीनियरिंग क्षेत्र के विशेषज्ञों ने छात्रों को जागरूक किया।
मांडूवाला स्थित देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी में आयोजित राज्यस्तरीय कार्यशाला के दौरान डायरेक्टर, आईटी, द इंस्टीटयूशन ऑफ़ इंजीनियर्स, उत्तराखंड स्टेट सेंटर, आरवीएस चौहान ने इंजीनियरिंग क्षेत्र में आ रहे तकनीकी बदलावों पर चर्चा की साथ ही उन्होंने एमएस एक्सेल और गूगल फॉर्म्स के महत्त्व को स्पष्ट किया और इनकी कार्यप्रणाली से छात्रों को अवगत कराया।
उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग के क्षेत्र में वर्कबुक और वर्कशीट को व्यवस्थित रखना अतिआवश्यक है, इसलिए एमएस एक्सेल और गूगल फॉर्म्स की भूमिका अहम् है| इनको गहराई से समझना आवश्यक है ताकि अपने कार्य को सही ढंग से निष्पादित किया जा सके।
इस दौरान आरवीएस चौहान ने एमएस एक्सेल में गणित और त्रिकोणमितीय, सांख्यिकीय, सुरक्षा, टेबल, एडवांस फ़िल्टर जैसे विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की| वहीं द इंस्टीटयूशन ऑफ़ इंजीनियर्स के चेयरमैन डीसी अरोड़ा ने विजुअल बेसिक एप्लीकेशन सहित गूगल शीट में डाटा कंसोलिडेशन और पब्लिशिंग पर अपने विचार साझा किये और इनकी कार्यप्रणालियों से छात्रों को अवगत कराया।
इस दौरान स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड कंप्यूटिंग की डीन प्रोफ़ेसर डॉ. रितिका मेहरा ने कहा कि रोज़गार कि दृष्टि से एमएस एक्सेल और गूगल फॉर्म्स की सर्वाधिक मांग को देखते हुए कार्यशाला आयोजित की गयी ताकि छात्र इनमें दक्षता हासिल कर सकें| कार्यशाला में इंजीनियर एससी चौहान, गोविन्द सिंह पंवार, उर्वशी रावत, रोहित गोयल, गुंजन भटनागर, राकेश आर्य, मुकेश राजपूत आदि उपस्थित थे।