केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने प्रदेश के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर हालात का जायजा लिया। उनके साथ राज्यपाल उत्तराखण्ड ले.ज(से.नि.) गुरमीत सिंह, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केन्द्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, उत्तराखण्ड के आपदा प्रबंधन मंत्री डॉ धनसिंह रावत व राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी भी थे।
इसके बाद राज्य अतिथि गृह, जौलीग्रांट में केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने उच्च स्तरीय बैठक में प्रदेश में आपदा की स्थिति और संचालित राहत व बचाव कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार देवभूमि की हर सम्भव सहायता करेगी। भविष्य में और बेहतर आपदा प्रबंधन के लिए क्या किया जा सकता है, राज्य सरकार इस संबंध में अपने सुझाव भेजे।
आपदाग्रस्त व जलभराव वाले क्षेत्रों में मेडिकल टीमें भेजी जाएं ताकि किसी तरह की बीमारियों को फैलने से रोका जा सके। क्षतिग्रस्त बिजली लाईनों को पूरी तरह जल्द से जल्द ठीक की जाए। केंद्रीय व राज्य की एजेंसियों में बेहतर समन्वय देखने को मिला, इसे इसी प्रकार बनाए रखा जाए।
बैठक में केन्द्रीय गृहमंत्री के समक्ष प्रस्तुतिकरण देते हुए बताया गया कि भारी बारिश का अलर्ट मिलने के तत्काल बाद मुख्यमंत्री स्तर पर समीक्षा की गई। तुरंत इन्सीडेंस रेस्पोंस सिस्टम को राज्य व जिला स्तर पर सक्रिय कर दिया गया। एहतियातन तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों को सुरक्षित स्थानों पर रोक लिया गया। साथ ही स्कूलों और आंगनबाङी केंद्रों में अवकाश घोषित कर दिया गया।
विभिन्न माध्यमों से यात्रियों और जनसाधारण को भी अलर्ट किया गया। ट्रैकर्स को भी अलर्ट किया गया। नदियों के जलस्तर पर लगातार नजर रखी गई और आवश्यक कदम उठाए गए। आईएमडी के अनुसार सामान्य रूप से 1.1 मिमि बारिश होती है जबकि अभी 122.4 मिमि बारिश हुई। इन दो दिनों में सभी जगह रिकार्ड बारिश हुई। परंतु सही समय पर अलर्ट और तदनुसार एहतियात कदम उठाने से हानि को कम किया जा सका। प्रदेश में इस समय एनडीआरएफ की 17 टीमें तैनात हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्र से मिले सहयोग पर आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सेना, एनडीआरएफ, सीडब्ल्यूसी, बीआरओ के साथ मिलकर राज्य सरकार आपदा की तीव्रता को कम कर सकी। लोगों को अधिक से अधिक राहत पहुंचाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। चारों धाम की यात्रा शुरू की जा चुकी है।
बैठक में केन्द्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, उत्तराखण्ड के आपदा प्रबंधन मंत्री डॉ धनसिंह रावत, मुख्य सचिव डॉ एस एस संधु, अपर मुख्य सचिव आनंदबर्द्धन, डीजीपी अशोक कुमार, प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, सचिव एस ए मुरूगेशन, डॉ बीवीआरसी पुरुषोत्तम, डीआईजी एसडीआरएफ रिद्धिम अग्रवाल उपस्थित थे। बैठक में भारत सरकार के अधिकारी भी उपस्थित थे।
बैठक के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि इस संकट की स्थिति में भारत सरकार हर तरीके से देवभूमि के साथ खङी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बहुत अच्छे से काम किया है। इस कारण से कम नुकसान हुआ है। आने वाले दिनों में भी इसी प्रकार का समन्वय रहेगा।
अमित शाह ने कहा कि दो घंटे के हवाई निरीक्षण और समीक्षा बैठक में स्थिति का जायजा लिया। यह बात स्पष्ट है कि भारत सरकार द्वारा सही समय पर अलर्ट करने से नुकसान को कम किया जा सका। 24 घ॔टे पहले चेतावनी मिलने से मुख्यमंत्री ने पूरे सिस्टम को एक्टिवेट किया। लोगों को भी अलर्ट कर दिया गया।
चारधाम यात्रियों को पहले ही सुरक्षित स्थानों पर रोक दिया गया। इसी का परिणाम है कि अभी तक चारधाम यात्रियों में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। यात्रा अब शुरू भी कर दी गई है। सभी एजेंसियां समय पर सक्रिय हो गई थी। प्रधानमंत्री जी ने मुख्यमंत्री से बात कर समय पर राज्य को हेलीकाप्टर उपलब्ध कराए।
भारत सरकार से हर सम्भव सहयोग दिया जा रहा है। सेंटर वाटर कमीशन और सिंचाई विभाग में अच्छा समन्वय रहा। अभी तक 64 दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु हुई हैं। कुछ लोग लापता हैं। ज्यादातर सङकें खुल गई हैं। पेयजल, बिजली, टेलीफोन नेटवर्क की आपूर्ति भी काफी बहाल कर दी गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने राहत व बचाव कार्य बहुत अच्छे से चलाया।
इससे बहुत सी जानों को बचाया जा सका। 3500 लोगो को रेस्क्यू किया गया जबकि 16 हजार लोगों को एहतियातन सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। एनडीआरएफ की 17 टीमें, एसडीआरएफ की 60 टीमें, पीएसी की 15 कम्पनियां और पुलिस के 5 हजार जवान आज भी बचाव व राहत में लगे हैं।
जल्द ही सामान्य स्थिति हो जाएगी। नुकसान का आंकलन किया जा रहा है। वास्तविक नुकसान का आंकलन पूरे सर्वे के बाद हो पाएगा। वैसे डिजास्टर फंड में उत्तराखण्ड को पहले से ही 250 करोङ रूपए की राशि दी गई है। इससे काम किया जा रहा है।
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उत्तराखंड में आपदा से हुए नुकसान का हवाई सर्वेक्षेण के बाद अमित शाह ने कहा कि मैंने तबाही के हालात देखे। भारत सरकार की ओर से चेतावनी मिलने के बाद उत्तराखंड में आपदा से कम नुकसान हुआ है। अलर्ट पर रहने के कारण जनहानि कम हुई है। क्योंकि हमने पहले ही तैयारी कर ली थी।
शाह ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सूझबूझ से काम किया। सभी एजेंसियों ने समय पर अपना काम किया। चारधाम यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोका गया। इस वजह से चारधाम यात्रा में किसी यात्री की मौत नहीं हुई।
अमित शाह ने कहा कि केंद्रीय टीम नुकसान का आकलन करेगी। आपदा प्रबंधन की तरफ से पहले ही 250 करोड़ रुपए दिया गया है। केंद्र सरकार राज्य को पूरी सहायता देगी। इस दौरान अमित शाह ने सीएम की तारीफ की और कहा कि धामी के नेतृत्व में अच्छा काम हुआ है।
एनडीआरएफ, सेना और एसडीआरएफ सभी बारिश आने से पहले ही अलर्ट पर रहे। शाह ने कहा कि आपदा में अब तक 64 की मौत हुई हैं। 11 से अधिक लोग लापता हैं। ट्रेकिंग टीम भी लापता है। आपदा में 3400 लोगों को बचाया गया है।
गृहमंत्री अमित शाह ने देवप्रयाग, पौड़ी, रामनगर, रामगढ़, रुद्रपुर और हल्द्वानी का हवाई सर्वेक्षण किया और हालातों का जायजा लिया।
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केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह बीती बुद्धवार देर रात्रि को देहरादून पहुंच गए थे। श्री शाह आज गुरुवार की सुबह आपदा प्रभावित क्षेत्रों के हवाई सर्वेक्षण करने के बाद लौट गए हैं। आपदा प्रभावित स्थानों का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद जौलीग्रांट स्थित देहरादून एयरपोर्ट पर ही वह अधिकारियों की बैठक ले रहे हैं।
हवाई सर्वेक्षण के दौरान अमित शाह के साथ प्रदेश के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह, केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, सांसद अनिल बलूनी, मंत्री धन सिंह रावत और मुख्य सचिव एसएस संधू भी मौजूद हैं।
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज शाम उत्तराखंड पहुंच रहे हैं। वह यहां आपदा को लेकर समीक्षा बैठक करेंगे और पूरी स्थिति का जायजा लेंगे। मिली जानकारी के मुताबिक गृह मंत्री अमित शाह गुरुवार को उत्तराखंड में आपदा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण भी करेंगे।
गृहमंत्री अमित शाह बुधवार को राजभवन या बीजापुर गेस्ट हाउस में रात्रि विश्राम करेंगे। इसके बाद गुरुवार को वह आपदा ग्रस्त इलाकों का हवाई सर्वेक्षण भी करेंगे। शासन ने अमित शाह के दौरे की पुष्टि की है।