डॉ महेश भट्ट
भयंकर गर्मी की मार से पूरा भारत बेहाल है ऐसे में यदि रात का तापमान भी यदि चालीस डिग्री से ज़्यादा रहे तो हमारे शरीर के थर्मोरेगुलेशन या शारीरिक तापमान नियंत्रण में बहुत कठिनाई होने लगती है और इससे शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक स्वास्थ्य समस्या हो सकती है, शहरों में रात को जब AC चलते हैं तो AC वाले तो आराम से सोते हैं लेकिन गरीब लोगों के लिये यही AC बाहर के तापमान को ठंडा नहीं होने देते और ऐसे में एक परिस्थिति का निर्माण होता है जिसको अर्बन हीट आइलैंड कहते हैं, मतलब साफ़ है कि समाज के उस तबके पर इस गर्मी की मार बहुत कम पड़ती है जो इसको बढ़ाने में सबसे ज़्यादा मददगार है मतलब हम सब वे लोग जो AC या फ्रिज पंखे इत्यादि अफोर्ड कर सकते हैं। इसकी मार भी उस गरीब पर सबसे ज़्यादा और सबसे पहले पड़ती है जिसका इस समस्या को क्रियेट करने में लगभग ना के बराबर हाथ है। तो ऐसे में उन लोगों को क्या करना चाहिए जो इतने भाग्यशाली हैं कि उनके पास AC की सुविधा है, निश्चित तौर पर नैतिक तौर पर हम सभी का उत्तरदायित्व बनता है कि हम कुछ छोटी छोटी बातों का ध्यान रखें, हम ये काम कर सकते हैं –
1) AC को 25 डिग्री पर सेट करें
2) ज़्यादातर पूरी रात AC चलाने की ज़रूरत नहीं होती है अतः आप ऐसे में टाइमर का इस्तेमाल करके 2-3 घंटे बाद AC को बंद कर सकते हैं, ये दो चीज़ करने से आपका बिजली का बिल कम आयेगा आप बिजली की बचत भी करेंगे और पर्यावरण को स्वस्थ रखने में मदद भी करेंगे
3) आपके यहाँ काम करने वालों को गर्मी से बचने में मदद करें उन्हें खूब पानी पीने के लिये प्रोत्साहित करें, उनके घरवालों के संबंध में बात करें, उनको समझायें कि बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को दिन में ग्यारह बजे से और पाँच बजे तक बाहर निकलने से परहेज़ करें, फिर भी यदि निकलना आवश्यक हो तो पानी पी कर निकलें और शिर और चेहरे को किसी सूती कपड़े जैसे गमछे से ढक कर निकलें, उनको बतायें कि हल्का कम मसाले का ओर कम तला फ्रेश भोजन ही करें, यदि उनके यहाँ फ्रिज नहीं है तो ठंडे पानी की बोतलें भी आप उनको दे सकते हैं,
4) यदि गर्मी में सिरदर्द के साथ शरीर गर्म लगे या जि मिचलाये या उल्टियाँ आयें वीकनेस लगे या बेहोशी आये तो तुरंत सावधानी बरतने की ज़रूरत है ये लू लगने के लक्षण हो सकते हैं और जिस प्रकार से गर्मी का प्रकोप चल रहा है ये जानलेवा हो सकता है, ऐसे में तुरंत ठंडी जगह पर या छाँव में जायें, गीले कपड़े से शरीर को पोंछते रहें, पंखे के नीचे बैठें, पानी पियें, फिर भी यदि आराम न हो तो नज़दीकी सरकारी अस्पताल में जाने में बिलकुल भी देरी ना करें।
5) यदि आपके घर के आसपास मज़दूर काम कर रहे हैं तो उन्हें पानी मुहैया करवा सकते हैं, और यदि मौक़ा मिले तो उपरोक्त बातें उनको भी बता सकते हैं
6) पूरी कॉलोनी के लोग मिलकर अपनी कॉलोनियों में रेहड़ीवालों, फेरीवालों, सामान की डिलीवरी करने वालों के लिये पीने के पानी और छाँव का कुछ इंतज़ाम कर सकते हैं क्योंकि ये लोग ही हैं जिनकी वजह से हम लोग गर्मी के प्रकोप से बचते हैं क्योंकि वे हमारी ज़रूरत की चीजों को हम तक पहुँचाते हैं
7) अपनी कॉलोनी में हरियाली बढ़ा कर आप बहुत हद तक अपनी कॉलोनी को हीट आइलैंड में तब्दील होने से बचा सकते हैं, विश्वास मानिए इसका असर आपके और आपके पड़ोसियों के स्वास्थ्य पर बहुत अच्छा और दूरगामी होगा
8)बढ़ती गर्मी की समस्या एक बहुत बड़ा पब्लिक हेल्थ इस्यू बन चुका है सभी को ये समझने की ज़रूरत है कि क्लाईमेट चेंज ऐसी कई समस्याओं को लाने वाला है अतः सभी को सचेत और जागरूक होने की ज़रूरत है।
(सर्जन, लेखक, सार्वजनिक स्वास्थ्य सलाहकार) एमडी एमएमबीएचएस ट्रस्ट, उत्तराखण्ड।