राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने बृहस्पतिवार को राजभवन में हाईकोर्ट के नवनियुक्त मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गुहनाथन नरेंदर को पद की शपथ दिलाई। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने भारत की राष्ट्रपति की ओर से न्यायमूर्ति गुहनाथन नरेंदर को उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बनाए जाने से संबंधित अधिपत्र पढ़ा।
समारोह में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, प्रथम महिला गुरमीत कौर, कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, डॉ. धन सिंह रावत, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत, डीजीपी दीपम सेठ, नैनीताल हाईकोर्ट की रजिस्ट्रार जनरल कहकशा खान, सचिव राज्यपाल रविनाथ रामन, विधि परामर्शी अमित सिरोही सहित वरिष्ठ न्यायमूर्तिगण, वरिष्ठ अधिकारीगण व अन्य गणमान्य अतिथि मौजूद रहे।
नवनियुक्त मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गुहनाथन का जन्म 10 जनवरी 1964 को हुआ था। उन्होंने बीए और एलएलबी की डिग्री लेने के बाद 23 अगस्त 1989 में तमिलनाडु बार काउंसिल में पंजीकरण करा वकालत की शुरुआत की।
1989 से 1992 तक मद्रास उच्च न्यायालय में वकालत की। जनवरी 1996 से उन्होंने सांविधानिक, सिविल, कराधान मामलों, खनन कानून, पर्यावरण और वन मामले, मध्यस्थता मामले, गन्ना क्षेत्र आरक्षण और मूल्य निर्धारण संबंधी मामले, भूमि सुधार, एनआई एक्ट सहित लगभग सभी क्षेत्रों में स्वतंत्र प्रैक्टिस शुरू की।
दो जनवरी 2015 को उन्हें कर्नाटक हाईकोर्ट में अतिरिक्त न्यायाधीश के तौर पर नियुक्ति मिली, जिसके बाद 30 दिसंबर 2017 से वह बतौर स्थायी न्यायाधीश सेवाएं दे रहे हैं। इसके बाद उन्होंने आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय में सेवाएं दीं। हाल ही में उनकी नियुक्ति उच्च न्यायालय नैनीताल के मुख्य न्यायाधीश के पद पर की गई थी।