11.3 C
Dehradun
Saturday, April 20, 2024
Homeहमारा उत्तराखण्डउधमसिंह नगरइलाज न करा पाने के चलते बाप ने की 3 वर्षीय बेटे...

इलाज न करा पाने के चलते बाप ने की 3 वर्षीय बेटे की हत्या

रुद्रपुर। यहां किच्छा के रेली के बहेड़ी क्षेत्र की सीमा से सटे सिरौलीकलां गांव में एक ट्रक ड्राइवर ने अपने साढ़े तीन साल के बेटे को पहले अगवा किया और फिर उसकी गला दबाकर हत्या कर दी। उसका शव बहेड़ी में एक खेत में फेंक आया। इसके बाद थाने पहुंचकर गुमशुदगी भी दर्ज करा दी। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर घटना का खुलासा कर आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया है। बताया जा रहा है कि बेटे की हीमोफीलिया बीमारी का महंगा इलाज न करा पाने के कारण उसने यह वारदात की।

एएसपी ममता बोहरा ने बुधवार को पुलभट्टा थाने में पत्रकारों को बताया कि सिरौलीकलां निवासी मो. तारिक ने मंगलवार को गुमशुदगी दर्ज कराई थी कि उसका साढ़े तीन साल का बेटा शाबान मंगलवार सुबह उसके साथ बाइक से घूमने के लिए निकला था। इसके बाद वह उसे घर के बाहर छोड़कर अपने पैतृक गांव ढकिया बहेड़ी चला गया था।

काफी देर तक जब बेटा घर के अंदर नहीं पहुंचा तो परिवार वालों को चिंता हुई। बहेड़ी से आकर उसने पुलिस को सूचना दी। एएसपी के अनुसार, जब पुलिस ने घर और हाईवे के आसपास के सीसीटीवी खंगाले तो फुटेज में तारिक अपनी बाइक पर बेटे को साथ ले जाता दिखाई दिया लेकिन लौटते समय वह अकेला था।

फिर बार-बार वह अपने बयान भी बदल रहा था। इस बीच उसके पैतृक गांव से बच्चे का शव मिलने की बात भी सामने आ गई। पुलिस टीम ने मो. तारिक से सख्ती से पूछताछ की तो वह टूट गया। उससे खुद ही बेटे की हत्या की बात कबूल करते हुए बताया कि शव बहेड़ी (यूपी) के ढकिया गांव में अपने खेत में फेंक आया है।

एएसपी ने बताया कि आरोपी तारिक ने हत्या कारण बेटे का इलाज करने में खुद को असमर्थ बताया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। एएसपी ममता बोहरा, सीओ ओम प्रकाश शर्मा, पुलभट्टा थानाध्यक्ष राजेश पांडे घटनास्थल पर पहुंचे। इधर, बहेड़ी पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए बरेली भेजा। 

एएसपी के अनुसार तारिक ने बताया कि उसके बेटे को हीमोफीलिया नामक गंभीर बीमारी थी। उसका इलाज काफी मंहगा है। पिछले एक डेढ़ साल से ट्रक के कारोबार में उसे लगातार घाटा हो रहा है। तीन-चार दिन पहले वह अपने बच्चे को लेकर हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल गया था जहां पर तमाम जांचों के बाद डॉक्टरों ने बच्चे को दिल्ली दिखाने की सलाह दी थी। तारिक के अनुसार ट्रक की 22 हजार रुपये प्रति महीने की चार किस्तें बकाया चल रही थीं। वह इसे भी नहीं दे पा रहा था। इस कारण उसने यह कदम उठाया। 

पुलिस के अनुसार बहेड़ी के ग्राम ढकिया में तारिक के  कई रिश्तेदार रहते हैं। बुधवार सुबह ढकिया गांव के कुछ बच्चे लकड़ी काटने के लिए नहर किनारे पहुंचे तो वहां बालक का शव दिखाई दिया। तारिक के रिश्तेदार वहां पहुंचे तो बालक की शिनाख्त शाबान के रूप में की। जिस स्थान पर शव बरामद किया गया वहीं तारिक की एक बीघा पैतृक जमीन है। 

शाबान के नाना अब्दुल राजिक ने बताया कि उसकी बेटी आयशा का निकाह आठ साल पहले तारिक के साथ हुआ था। तारिक कई साल से सिरौलीकलां में किराये के मकान में रह रहा था। उसका एक ट्रक है। इसी से वह अपने परिवार की जीविका चला रहा था। अब्दुल के अनुसार कर्ज के कारण उनका दामाद घर के जेवर भी बेच चुका था। 

RELATED ARTICLES

Leave a reply

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

- Advertisment -

Recent Comments

error: Content is protected !!