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Wednesday, May 8, 2024
Homeहमारा उत्तराखण्डनवम्बर माह में भक्त दर्शन पुरस्कार से सम्मानित किये जाएंगे उत्कृष्ट शिक्षक

नवम्बर माह में भक्त दर्शन पुरस्कार से सम्मानित किये जाएंगे उत्कृष्ट शिक्षक

हाल ही में उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा की गई घोषणाओं को शीघ्र क्रियान्वयन करने के लिए कैबिनेट मंत्री डा. धन सिंह रावत ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये हैं।

राजकीय महाविद्यालयों में छात्र-छात्राओं को शीघ्र टैबलेट उपलब्ध कराने हेतु अधिकारियों को खरीद प्रक्रिया में तेजी लाने के भी कहा गया है। इसके अलावा डा. रावत ने अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों को नवम्बर माह में भक्त दर्शन पुरस्कार से सम्मानित किया जायेगा।

उच्च शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने आज सचिवालय स्थिति डीएमएमसी सभागार में उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक ली। विभागीय मंत्री डा. रावत ने मुख्यमंत्री द्वारा अब तक की गई घोषणाओं को शीघ्र अमलीजामा पहनाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की घोषणा के अंतर्गत 08 नए महाविद्यालयों के लिए शीघ्र भवन उपलब्ध कराये जाय ताकि इसी शैक्षिणिक सत्र से महाविद्यालय में पठन-पाठन शुरू किया जा सके।

पूर्व संचालित 07 महाविद्यालयों का उच्चीकरण एवं विभिन्न महाविद्यालयों में 50 स्नातक स्तर एवं 10 स्नातकोत्तर स्तर पर विभिन्न विषयों में पद सृजित करने एवं उनके सापेक्ष पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा। डा. रावत ने राजकीय महाविद्यालयों के एक लाख से अधिक छात्र-छात्राओं को दिये जाने वाले टैबलेट की गुणवत्ता,मॉडल और उसमें उपलब्ध फीचर्स को लेकर एकबार छात्रों तथा आईटी से संबंधित शिक्षकों से भी राय लेने को कहा ताकि छात्रों की सुविधा के अनुकूल टैबलेट उपलब्ध कराये जा सके।

उच्च शिक्षा के क्षेत्र में प्रतिवर्ष दिये जाने वाले भक्त दर्शन पुरस्कार को नवम्बर माह में देने के निर्देश भी अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि विभाग जल्द अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों का चिह्निकरण शुरू करे। इसके अलावा विभागीय मंत्री ने ऐसे प्राचार्यों के स्थानांतरण के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये जो पिछले पांच साल से अधिक समय से एक ही महाविद्यालय में सेवाएं दे रहे है।

साथ ही उन्हांने विभागीय डीपीसी कराये जाने के निर्देश भी दिये। महाविद्यालयों में बढ़ती अराजगता को रोकने एवं पठन-पाठन को सुचारू रूप से चलाने के लिए बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश प्रतिबंधित किया जाय और बिना आई कार्ड के परिसर में किसी को भी घुसने नहीं दिया जाय। उन्होंने कहा कि अगर किसी भी महाविद्यालय में अराजक तत्व एवं बहारी लोग प्रवेश करते हुए पाये गये तो संबंधित कालेज के प्राचार्य पर कार्रवाही की जायेगी।

बैठक में अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा राधा रतूड़ी, सचिव दीपेन्द्र चौधरी, निदेशक उच्च शिक्षा डा. पी.के.पाठक, अपर सचिव एम.एम. सेमवाल, सलाहकार रूसा प्रो. के.डी. पुरोहित, उप सचिव शिव स्वरूप त्रिपाठी, अनु सचिव ब्योमकेश दुबे, पुष्कर नेगी सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

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