29.2 C
Dehradun
Tuesday, October 8, 2024
Homeहमारा उत्तराखण्डउत्तराखंड के 44 राजकीय महाविद्यालयों में शुरू होगा रोजगारपरक पाठ्यक्रम

उत्तराखंड के 44 राजकीय महाविद्यालयों में शुरू होगा रोजगारपरक पाठ्यक्रम

सूबे के 44 राजकीय कॉलेजों में शीघ्र रोजगारपरक पाठ्यक्रम शुरू किये जायेंगे, जबकि 25 राजकीय महाविद्यालयों में फिजिक्स, मैथ्स के साथ कम्प्यूटर साइंस विषय पढ़ाया जायेगा।

आगामी एक अक्टूबर से राज्य के समस्त उच्च शिक्षण संस्थानों में नया शैक्षणिक सत्र प्रारम्भ होगा। इसके साथ ही नवम्बर माह में सभी राजकीय विश्वविद्यालयों को दीक्षांत समारोह आयोजित करने के निर्देश दिये गये। इसके अलावा कुलपतियों को राजकीय विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों में डीजी लॉकर सुविधा उपलब्ध कराने को कहा गया।

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में आज सचिवालय स्थिति डीएमएमसी सभागार में उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक हुई, जिसमें कई महत्वपूर्ण फैसले लिये गये। बैठक में आगामी एक अक्टूबर से समस्त राजकीय विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में नया शैक्षणिक सत्र प्रारम्भ करने का निर्णय लिया गया। इसके साथ ही विश्वविद्यालयों द्वारा संचालित विभिन्न परीक्षाओं के परिणाम समय पर जारी करने के निर्देश कुलपतियों को दिये गये।

डा. रावत ने कहा कि रोजगार को केन्द्रित करते हुए सूबे के 44 राजकीय महाविद्यालयों में रोजगारपरक पाठ्यक्रम शुरू किया जायेगा जबकि 25 महाविद्यालयों में फिजिक्स, मैथ्स के साथ कम्प्यूटर सांइस विषय को पढ़ाया जायेगा। उन्होंने कहा कि रोजगार पाठ्यक्रम और स्नातक स्तर पर फिजिक्स, मैथ्स के साथ कम्प्यूटर सांइस विषय छात्र-छात्राओं को रोजगार के अवसर प्रदान करेगा।

विभागीय मंत्री डा. रावत ने कहा कि आगामी नवम्बर माह में सभी राजकीय विश्वविद्यालयों को दीक्षांत समारोह आयोजित करने के निर्देश दिये गये हैं, इसके अलावा विश्वविद्यालयों को राज्य में गिरते शिशु लिंगानुपात को लेकर ग्राम स्तर पर सर्वे कर जागरूता अभियान संचालित करने को कहा गया। इसके लिए विश्वविद्यालय स्तर एक नोडल अधिकारी नामित किया जायेगा जो स्वास्थ्य विभाग से समन्वय स्थापित करेगा।

विभागीय मंत्री डा. रावत ने विश्वविद्यालयों को शीघ्र डीजी लॉकर सुविधा शुरू कर कर छात्र-छात्राओं के अंकतालिकांए एवं प्रमाण पत्रों को अपलोड करने के कहा, ताकि छात्र-छात्राएं सुविधानुसार अपने शैक्षणिक प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकें।

डा. रावत ने कुमायूं विश्वविद्यालय को फार्मेसी कैटेगिरी में उच्च शिक्षण संस्थानों की नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क-2021 (एनआईआरएफ) द्वारा 52वें स्थान देने पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि यह उपलब्धि प्रदेश के उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए एक नजीर है। उन्होंने कहा कि सूबे के विश्वविद्यालयों को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर रैंकिंग प्राप्त करने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया। जिसके चेयरपर्सन कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एन.के. जोशी को नामित किया गया।

इस कमेटी में निजी विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। एनसीसी, एनएसएस एवं रेडक्रास सोसाइटी की इकाईयों की स्थापना, नमामि गंगे परियोजना के अंतर्गत नोडल अधिकारी नियुक्त करने एवं जल जीवन मिशन के तहत ब्लॉक स्तर पर प्रयोगशालाओं के प्रस्तावों को शीघ्र भेजने के निर्देश कुलपतियों को दिये गये।

06 नये महाविद्यालयों की स्थापना, उच्चीकृत महाविद्यालयों में विषयों एवं पदों के सृजन संबंधी प्रस्तावों सहित राजकीय महाविद्यालयों में छात्र-छात्राओं को टैबलेट वितरण योजना में तेजी लाने के निर्देश भी विभागीय अधिकारयों को दिये गये।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा राधा रतूड़ी, सचिव उच्च शिक्षा दीपेन्द्र चौधरी, कुलपति प्रो. ओ.पी.एस नेगी, डा. पी.पी. ध्यानी, प्रो. एन.के. जोशी, प्रो. एन.एस. भण्डारी, प्रो. सुरेखा डंगवाल, निदेशक उच्च शिक्षा डा. पी.के. पाठक, अपर सचिव एम.एम.सेमवाल, सलाहकार रूसा प्रो. के.डी. पुरोहित, प्रो. एम.एस.एम रावत, नोडल रूसा प्रो. ए.एस उनियाल, उप सचिव शिव स्वरूप त्रिपाठी, अनु सचिव ब्योमकेश दुबे सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

RELATED ARTICLES

Leave a reply

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

- Advertisment -

Recent Comments

error: Content is protected !!