उत्तराखंड में शुक्रवार को चीन सीमा क्षेत्र में माणा कैंप के पास भारी हिमस्खलन हो गया। इस दौरान अचानक बर्फ के धुएं का गुबार उठा और वहां निर्माण कार्य में लगे 55 श्रमिक बर्फ में दब गए।
सूचना मिलते ही आईटीबीपी, सेना और बीआरओ की टीमें राहत बचाव कार्याें में लग गई। सेना के जवान भारी बर्फबारी के बीच देवदूत बनकर सामने आए। आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप ने बताया कि अब तक 33 श्रमिकों को निकाल लिया गया है। अन्य 22 की तलाश जारी है।
बदरीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब, फूलों की घाटी, रुद्रनाथ, लाल माटी, नंदा घुंघटी, औली, गोरसों के साथ ही नीती और माणा घाटियों में तीन दिन से बर्फबारी हो रही है। जिससे ऊंचाई वाले इलाकों में भारी बर्फ जमा हो गई है।
चमाेली में हिमस्खलन की घटना ने साल 2021 में चमोली के रैणी में ग्लेशियर टूटने से आई आपदा की याद दिला दी। तब ग्लेशियर टूटने से ऋषिगंगा में बाढ़ के कारण 206 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं, कई अब भी लापता है।