देश के पहले सीडीएस बिपिन रावत एवं उनकी पत्नी मधुलिका रावत की अस्थियां शनिवार को हरिद्वार गंगा में विसर्जित की गईं। उनकी दोनों बेटियां दिल्ली से अस्थि कलश लेकर हरिद्वार वीआईपी घाट पहुंचीं। जहां पर सैन्य सम्मान और विधि विधान के साथ उनकी अस्थियां गंगा में विसर्जित की गई।
सीडीएस बिपिन रावत और उनकी पत्नी समेत अन्य सैन्य अधिकारियों का आठ दिसंबर को तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए हेलीकॉप्टर दुर्घटना में आकस्मिक निधन हो गया था। सुबह करीब साढ़े 11 बजे परिवार के सदस्य अस्थियों को लेकर घाट पर पहुंचे। इस दौरान सेना की ओर से अंतिम सलामी दी गई। वीआईपी घाट पर सेना का बैंड और टुकड़ियां भी मौजूद रहीं।
इस अवसर पर केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने शोक संवेदना व्यक्त करते कहा कि अभी हाल ही नौ नवंबर को राज्य स्थापना दिवस पर सीडीएस बिपिन रावत से मुलाकात हुई थी। उनसे उत्तराखंड और देश की सुरक्षा आदि मसलों को लेकर विस्तृत चर्चा हुई थी। उनका विशेष लगाव उत्तराखंड से था।
हाल ही में उन्हें रायवाला रेलवे रेलवे स्टेशन के पास आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होना था। जिसकी तैयारियां भी जोर-शोर से चल रही थी। अगर आज वह हमारे बीच होते तो वह भी उस कार्यक्रम का हिस्सा बनते।
इस मौके पर केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ,भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद, हरिद्वार मेयर अनीता शर्मा, ऋषिकेश मेयर अनीता मंगाई आदि मौजूद रहे।
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देश के पहले सीडीएस बिपिन रावत एवं उनकी पत्नी मधुलिका रावत की अस्थियां शनिवार को हरिद्वार गंगा में विसर्जित की जाएंगी।
सीडीएस बिपिन रावत और उनकी पत्नी समेत अन्य सैन्य अधिकारियों का आठ दिसंबर को तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए हेलीकॉप्टर दुर्घटना में आकस्मिक निधन हो गया था। शनिवार को वीआईपी घाट पर सुबह दस बजे स्व. बिपिन रावत एवं उनकी पत्नी मधुलिका रावत की अस्थियां विसर्जित की जाएगी।
बताया जा रहा है कि अस्थियों को उनकी बेटियां कृतिका और तारिणी व पारिवारिक सदस्य हरिद्वार लेकर आएंगे। उनके काफिले में करीब छह से सात वाहन होंगे।
वीआईपी घाट पर अस्थि विसर्जित की जाएंगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट के पहुंचने की भी संभावना है। हालांकि इसका लिखित कार्यक्रम जारी नहीं हुआ है।
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देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी श्रीमती मधुलिका रावत आज पंचतत्व में विलीन हो गई। नम आंखों से आज नई दिल्ली स्थित बरार स्क्वायर में पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। उन्हें 17 तोपों की सलामी भी दी गई। जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत को उनकी बेटियों कृतिका और तारिणी ने मुखाग्नि दी।
विदित हो कि बीती 8 दिसंबर की सुबह तमिलनाडु के कुन्नूर में हेलीकॉप्टर क्रेश हादसे में भारत के पहले सीडीएस बिपिन रावत, उनकी पत्नी श्रीमती मधुलिका रावत एवं 11 सैनिक शहीद हो गए थे।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बरार स्क्वायर श्मशान घाट पहुंचकर सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत के पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि अर्पित की। सीडीएस जनरल बिपिन रावत के अंतिम दर्शन के दौरान श्रीलंका, भूटान, नेपाल और बांग्लादेश की सेनाओं के कमांडर भी पहुंचे।
सीडीएस जनरल बिपिन रावत की अंतिम यात्रा में लोगों की भारी भीड़ देखने को मिली। यहां इकट्ठा हुए लोगों ने बिपिन रावत को याद करते हुए नारे भी लगाए। यह नारे थे-जब तक सूरज-चांद रहेगा, बिपिन जी का नाम रहेगा। इस अवसर पर केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड पुष्कर सिंह धामी, केन्द्रीय रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट समेत तीनों सेनाओं के अधिकारी प्रमुख रूप से मौजूद थे।
अस्थि विसर्जन कल हरिद्वार में
सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत का अस्थि विसर्जन कल दोपहर उत्तराखंड के हरिद्वार में किया जाएगा। इस अवसर पर रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट और राज्य के कई अन्य वरिष्ठ गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहेंगे।