मोंटेनेग्रो की राजधानी बुडवा में पांच से 10 मार्च तक हुई यूथ विश्व कप में पिथौरागढ़ की मुक्केबाज निकिता चंद और ब्रिजेश टम्टा ने स्वर्ण पदक जीता है। यह उत्तराखंड मुक्केबाजी के इतिहास में पहली बार है कि एक ही जिले के दो मुक्केबाजों ने यूथ विश्व कप में स्वर्ण पदक जीता है। दोनों खिलाड़ियों की सफलता से सीमांत में खुशी की लहर है।
ब्रिजेश ने अजरबैजान के अपने प्रतिद्वंद्वी नजारोव बिलालहाबासी को हराया और निकिता ने अपने प्रतिद्वंद्वी रूस की कोवलेंको लुइज को हराकर स्वर्ण पदक जीता। ब्रिजेश ने 48 किलोग्राम भार वर्ग में जबकि निकिता ने 60 किलोग्राम भार वर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। क्वार्टर फाइनल में ब्रिजेश ने जॉर्जिया के बॉक्सर जी. मिखेली को हराने के बाद सेमीफाइनल में कजाकिस्तान के अलमास को पराजित किया। निकिता ने इससे पहले प्रारंभिक दौर में कजाकिस्तान की अलीमबर्गन अरैलीम को और क्वार्टर फाइनल में रूस की लियोनोवा को जबकि सेमीफाइनल में भी रूस की ही ट्रायन्टीनोवा को हराया था।
निकिता ने प्रदर्शन के दम पर बेस्ट बॉक्सर (महिला) का खिताब भी अपने नाम किया। ब्रिजेश मूल रूप से जगतड़ (पिथौरागढ़) के रहने वाले हैं। निकिता बड़ालू (पिथौरागढ) की रहने वाली हैं। इससे पहले निकिता चंद जूनियर और यूथ वर्ग में तीन एशियाई चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं।
इस वर्ष कजाकिस्तान में आयोजित जूनियर एशियाई चैंपियनशिप में भी ब्रिजेश ने स्वर्ण पदक जीता था। ब्रिजेश अपने कोच निखिल महर के अधीन वर्ष 2019 से एसकेआईसी पिथौरागढ़ में प्रशिक्षु हैं और वर्तमान में एनसीओई (रोहतक) में है। उनके पहले कोच प्रकाश जंग थापा और भास्कर चंद्र भट्ट थे। वही निकिता चंद अपने कोच ब्रिजेंदर मल से विजेंदर बॉक्सिंग क्लब में प्रशिक्षण ले रही हैं।