26.2 C
Dehradun
Saturday, July 27, 2024
Homeस्वास्थ्यएम्स में बाईपलेन काॅर्डिक कैथ लेब स्थापित, मिलेगा हृदय रोगियों को विशेष...

एम्स में बाईपलेन काॅर्डिक कैथ लेब स्थापित, मिलेगा हृदय रोगियों को विशेष लाभ

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश में बुधवार को अर्श विद्यापीठ के संस्थापक स्वामी परमात्मानन्द सरस्वती महाराज ने नवनिर्मित ’बाईपलेन काॅर्डिक कैथ लेब’ का विधिवत लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि एम्स संस्थान में नई लैब के स्थापित होने से हृदय रोगियों को विशेष लाभ मिलेगा।

उन्होंने बताया कि उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्य में स्थित एम्स संस्थान बेहतर कार्य कर रहा है, लिहाजा कुशल कार्यप्रणाली के चलते संस्थान ने कम समय में ही स्वास्थ्य सुविधाओं के कई आयाम स्थापित किए हैं।

एम्स ऋषिकेश के काॅर्डियोलॉजी विभाग में बुधवार से अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित ’बाईपलेन काॅर्डिक कैथ लैब’ ने कार्य करना शुरू कर दिया है। संस्थान में नई लैब के लोकार्पण अवसर पर मुख्य अतिथि स्वामी परमात्मानन्द सरस्वती महाराज ने कहा कि एम्स ऋषिकेश स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में बेहतर कार्य कर रहा है। इसी का परिणाम है कि उत्तराखंड और समीपवर्ती राज्यों के मरीजों को ऋषिकेश ऋषिकेश द्वारा उपलब्ध कराई जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं पर पूरा भरोसा है।

बाईपलेन काॅर्डिक कैथ लेब हृदय रोग मरीजों के लिए लाभकारी

उन्होंने उम्मीद जताई कि संस्थान के विभिन्न विभागों में स्थापित की जा रही आधुनिकतम तकनीक आधारित मशीनें मरीजों के उपचार में सुविधाजनक व बहुलाभकारी सिद्ध होंगी। उन्होंने एम्स में स्थापित बाईपलेन काॅर्डिक कैथ लेब को हृदय रोग के मरीजों के लिए विशेष लाभकारी बताया।

एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने बताया कि एम्स में नई कैथ लैब स्थापित होने से हार्ट और दिमाग संबंधी बीमारियों के मरीजों का उपचार अब आधुनिकतम उच्च तकनीक से हो सकेगा। निदेशक एम्स ने नई लैब को हृदय रोग से ग्रसित बच्चों के लिए विशेष लाभकारी बताया। कहा कि काॅर्डियोलॉजी विभाग में अब 2 कैथ लैब हो गई हैं।

नई कैथ स्थापित होने से हार्ट रोगियों के उपचार की क्षमता दोगुनी

संस्थान में सुविधाओं के बढ़ जाने से हृदयरोगियों को इलाज के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। इस अवसर पर काॅर्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर भानु दुग्गल जी ने बताया कि अब नई कैथ स्थापित होने से हार्ट रोगियों के उपचार की क्षमता दोगुनी हो गई है।

बताया कि सीमेन्स कंपनी की बाईपलेन काॅर्डिक कैथ लेब द्वारा थ्री-डी तकनीक से इलाज करने की सुविधा है। लिहाजा इस तकनीक से रोगी की उपचार प्रक्रिया में आसानी होगी और इलाज के सटीक परिणाम प्राप्त होंगे। उन्होंने बताया कि काॅर्डियोलॉजी विभाग में मरीजों के इलाज के लिए सभी अत्याधुनिक उपकरण लगाए गए हैं। इस मौके पर काॅर्डियॉलोजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. वरूण कुमार भी उपस्थित थे।

कार्यक्रम में डीन एकेडमिक प्रो. मनोज गुप्ता जी, मेडिकल सुपरिटेंडेंट प्रो. बीके बस्तिया, डीएचए प्रो. यूबी मिश्रा, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी शशिकांत, वित्तीय सलाहकार पीके मिश्रा जी, अधीक्षण अभियंता बीएस रावत, डीएमएस डॉ. अनुभा अग्रवाल, विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा. वरूण कुमार, डा. रामलाल, डा. ​शिशिर सोनी, डा. नवनीत मग्गो, डॉ. विनोद आदि मौजूद थे।

यह है नई लैब की विशेषता

बाईपलेन काॅर्डिक कैथ लेब द्वारा कम कन्ट्रास्ट में हृदयरोगी की एन्जियोग्राफी और एन्जियोप्लास्टी की जा सकती है, लिहाजा यह लैब गुर्दे केे मरीजों के उपचार के लिए भी विशेष लाभकारी है। प्रो. भानु दुग्गल जी ने बताया कि हृदय में वॉल्व बदलने की सर्जरी प्रक्रिया के दौरान उपयोग की जाने वाली ’टावी’ तकनीक और जिन लोगों के हृदय में जन्मजात छेद होता है, उनके इलाज में इस मशीन से 3-डी तकनीक का इस्तेमाल करने से अब उच्चस्तरीय उपचार संभव हो सकेगा।

RELATED ARTICLES

Leave a reply

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

- Advertisment -

Recent Comments

error: Content is protected !!