उत्तराखंड में आज से चारधाम यात्रा का आगाज हो गया है। ऋषिकेश से चारधाम यात्रा कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। चारधाम यात्रा का पहला पड़ाव ऋषिकेश ही है। यहां उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ चारधाम यात्रा को लेकर उत्साह बता रही है।
आज शुक्रवार सुबह मां गंगा के शीतकालीन पड़ाव व मायके मुखबा मुखीमठ से मां गंगा की भोगमूर्ति विग्रह डोली में भगवान समेश्वर और अन्य देवडोलियों के साथ गंगोत्री धाम के लिए रवाना हो गई है। उधर, सुबह नौ बजे भगवान केदारनाथ की पंचमुखी भोगमूर्ति चल विग्रह उत्सव डोली में विराजमान होकर पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से अपने धाम के लिए प्रस्थान किया।
सेना की बैंड धुनों और भक्तों के जयकारों के बीच डोली पहले पड़ाव पर रात्रि प्रवास के लिए विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी पहुंचेगी। मां गंगा की विग्रह डोली भैरोंघाटी में भैरो मंदिर में रात्रि विश्राम करेगी। 22 अप्रैल को अक्षय तृतीया पर्व पर गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खोले जाएंगे।
श्री पांच गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष हरीश सेमवाल ने बताया कि शुक्रवार को मुखबा गांव से मां गंगा की डोली यात्रा दोपहर 12:15 बजे आर्मी के पाइप बैंड की धुन के साथ धाम के लिए रवाना हुई, जो कि रात्रि में भैरोंघाटी स्थित भैरव मंदिर में रहेगी।
25 अप्रैल को सुबह 6.10 बजे बाबा केदारनाथ के कपाट खुल जाएंगे।
भगवान केदारनाथ की पंचमुखी भोगमूर्ति चल विग्रह उत्सव डोली 22 को फाटा, 23 को गौरीकुंड में रात्रि प्रवास करते हुए डोली 24 अप्रैल को अपने धाम पहुंचेगी।
बृहस्पतिवार को पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ स्थित भैरवनाथ मंदिर में बाबा केदार की डोली के धाम प्रस्थान की पूर्व संध्या पर विशेष पूजा-अर्चना की गई।