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Friday, April 26, 2024
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समय पर हो जाएं सावधान: इस राशि पर 27 साल बाद शुरू होने जा रही है शनि साढ़े साती, कहीं आपकी राशि तो ये नहीं

उत्तराखंड ज्योतिष रत्न आचार्य डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल समय पर आगाह करते हुए बताते हैं कि
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यद्यपि मकर, मीन और कुंभ वालों के लिए शनि साढ़े साती उतनी कष्टदायी नहीं होती जितनी की बाकी राशि वालों के लिए होती है परंतु यदि इन राशियों के लोगों की कुंडली में शनि ग्रह ठीक स्थिति में नहीं है तो इनके लिए सबसे अधिक खतरनाक भी साबित हो जाता है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि का प्रभाव किसी भी व्यक्ति पर लंबे समय तक रहता है। क्योंकि ये ग्रह बहुत ही धीमी गति से गोचर करता है। शनि को एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करने में करीब ढाई साल का समय लग जाता है। अभी शनि मकर राशि में गोचर कर रहे हैं और 29 अप्रैल 2022 से ये कुंभ राशि में गोचर करने लगेंगे। इस राशि में शनि के प्रवेश करते ही गुरु ग्रह की एक राशि से शनि की साढ़ेसाती छूटेगी और दूसरी राशि पर शनि साढ़े साती शुरू हो जाएगी।

29 अप्रैल 2022 में शनि अपनी स्वराशि कुंभ में प्रवेश करेंगे। इस राशि में शनि के गोचर शुरू करते ही धनु राशि वालों को शनि साढ़े साती से मुक्ति मिल जाएगी, वहीं मीन राशि के जातक शनि साढ़े साती की चपेट में आ जायेंगे। इसके अलावा मकर और कुंभ वालों पर शनि साढ़े साती बनी रहेगी। जिसमें मकर राशि पर शनि की इस महादशा का आखिरी चरण शुरू हो जाएगा वहीं कुंभ वालों पर दूसरा चरण प्रारंभ हो जाएगा

ज्योतिष शास्त्र अनुसार मकर, मीन और कुंभ वालों के लिए शनि साढ़े साती उतनी कष्टदायी नहीं होती जितनी की बाकी राशि वालों के लिए होती है। क्योंकि शनि मकर और कुंभ राशि के स्वामी ग्रह हैं तो इन राशि वालों पर शनि की विशेष कृपा रहती है। वहीं मीन राशि के स्वामी ग्रह गुरु से शनि के सामान्य संबंध हैं इसलिए इन राशि वालों के लिए भी शनि की दशा उतनी बुरी नहीं होतीहै! परंतु शर्त यह है कि कुंडली में शनि की स्थिति ठीक-ठाक होनी चाहिए यदि कुंडली में शनि मारक है दूसरे चौथे सप्तम अष्टम और 12वीं भाव का स्वामी है तो इन राशि वालों को अवश्य कष्ट देगा।


आचार्य डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल आगे बताते हैं कि शनि ढैय्या की बात करें तो नए साल की शुरुआत में मिथुन और तुला वालों पर शनि की ढैय्या रहेगी। वहीं जब 29 अप्रैल 2022 में शनि राशि बदलेंगे तो कर्क और वृश्चिक वालों पर शनि ढैय्या शुरू हो जाएगी। शनि ढैय्या की अवधि ढाई वर्ष की होती है जबकि शनि साढ़े साती की अवधि साढ़े सात साल की होती है। इतनी लंबी अवधि तक कोई भी ग्रह किस राशि को ग्रसित नहीं करता है।
मंत्रों की ध्वनि को यंत्रों में परिवर्तित कर असाध्य रोगों को ठीक करने, पति पत्नी के बीच जो रिश्ता ठीक नहीं चल रहा है उसको दुरुस्त करने, जिनको संतान की प्राप्ति नहीं हो रही है उनका ज्योतिषीय इलाज करने ,धन रोजगार सर्विस में वृद्धि करने सहित मानव जीवन की सभी समस्याओं को हल करने के लिए आचार्य डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल सावधान करते हुए कहते हैं कि जिन भी राशियों पर 29 अप्रैल 2022 से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या चलने वाली है वे तमाम कष्टों से बचने के लिए समय पर अभी से संपर्क कर सकते हैं जिससे समय पर उनका कष्ट निवारण का उपाय किया जा सके।

उन्होंने बताया कि बड़ी संख्या में लोग उनके पास तब आते हैं जब पानी सिर के ऊपर से गुजरने लगता है तब उन की ग्रह दशा के प्रभाव को कम करने उनके कष्ट को कम करने अथवा उन्हें लाभ दिलाने में उन्हें अत्यधिक मेहनत करनी पड़ती है इसलिए लोगों को चाहिए कि समय पर कुंडली अथवा हस्तरेखा दिखाकर सुनिश्चित करें कि उनके लिए यह ढाई वर्ष अथवा साढे 7 वर्ष का समय कैसा रहेगा

आचार्य का परिचय

नाम-आचार्य डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल
प्रवक्ता संस्कृत। निवास स्थान- धर्मपुर चौक के पास अजबपुर रोड पर मोथरोवाला टेंपो स्टैंड 56 / 1 धर्मपुर देहरादून, उत्तराखंड। मोबाइल नंबर-9411153845
उपलब्धियां: वर्ष 2015 में शिक्षा विभाग में प्रथम गवर्नर अवार्ड से सम्मानित। उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत सरकार ने दी उत्तराखंड ज्योतिष रत्न की मानद उपाधि। त्रिवेंद्र सरकार ने दिया ज्योतिष विभूषण सम्मान। ज्योतिष में 5 सितंबर 2020 को प्रथम वर्चुअल टीचर्स राष्ट्रीय अवार्ड प्राप्त किया। वर्ष 2019 में ग्राफिक एरा में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दिया ज्योतिष वैज्ञानिक सम्मान।

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