अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश के कॉलेज ऑफ नर्सिंग में सिमुलेशन के माध्यम से नवजात शिशु की देखभाल में गुणवत्ता सुधार व बीमार व उच्च जोखिम वाले नवजात शिशुओं की देखभाल विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें 85 लोगों ने हिस्सा लिया।
एम्स के कॉलेज ऑफ नर्सिंग में इंडियन एसोसिएशन ऑफ नियोनाटल नर्सेस आईएएनएन के सहयोग से आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला का निदेशक एम्स प्रोफेसर अरविंद राजवंशी व डीन एकेडमिक प्रोफेसर मनोज गुप्ता ने विधिवत शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने नवजात शिशुओं की उत्तम देखभाल हेतु स्वास्थ्य सेवाओं में गुणवत्ता सुधार विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत किया।
नर्सिंग प्राचार्य डा. स्मृति अरोड़ा ने नवजात शिशुओं की उचित देखभाल के लिए इस तरह की कार्यशालाओं के आयोजन को नितांत आवश्यक बताया। कार्यशाला में एम्स ऋषिकेश के साथ ही उत्तराखंड के अन्य नर्सिंग संस्थाओं व अस्पतालों में कार्यरत नर्सिंग ट्यूटरों व नर्सिंग ऑफिसरों ने प्रतिभाग किया।
इस अवसर पर प्राचार्य नर्सिंग डा. स्मृति अरोड़ा व एलएचएनसी नई दिल्ली की फैकल्टी सदस्य श्रीमती जीना ने नवजात शिशुओं की देखभाल में सुधार के मॉडल और गुणवत्ता चक्र की जानकारी दी। आईएएनएन की संस्थापक अध्यक्ष डा. मंजू वत्सा ने नवजात शिशु देखभाल में गुणवत्ता सुधार के महत्व पर चर्चा की।
आईएएनएन की अध्यक्ष डा. ज्योति सरीन ने संस्था के बारे में विस्तृत जानकारी दी। संस्थान की नर्सिंग फैकल्टी मलार कोडी एस. व रूपिंदर देयोल ने सिमुलेशनआधारित कार्य केंद्रों के बारे में जानकारी दी। कार्यशाला में नवजात शिशु विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डा. पूनम सिंह, नर्सिंग फैकल्टी डा. राजा राजेश्वरी, डा. प्रसूना जैली, एलएनएचसी नई दिल्ली की फैकल्टी श्रीमती सुजी, एसएनओ जीना प्रदीप, श्रीनिथ्या राघवन आदि ने व्याख्यान दिया।
कार्यशाला में एएनएस कमलेश वैरवा, नर्सिंग ऑफसर ईरा दयाल, नर्सिंग ट्यूटर शर्मिला जयरानी, रश्मि नेगी के नेतृत्व में अभ्यास के लिए विभिन्न कार्यकेंद्र स्थापित किए गए। संस्थान की ओर से प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र वितरित किए गए। मीनाक्षी शर्मा के संचालन में आयोजित कार्यशाला में प्रो. श्रीपर्णा बासू, नर्सिंग सुपरिटेंडेंट घेरवचंद ने प्रतिभाग किया। वर्कशॉप में दून इंस्टीट्यूट, कंबाइंड पीजी संस्थान, एम्स समेत विभिन्न संस्थानों ने प्रतिभागी शामिल हुए।