मानसून शुरू होते ही पहाड़ में भूस्खलन की घटनाएं सामने आने लगी हैं। सोमवार दोपहर जानकीचट्टी-यमुनोत्री धाम के पैदल मार्ग पर भूस्खलन होने से कई लोग दब गए।
सूचना पर पहुंचे सुरक्षाकर्मियों ने बचाव अभियान शुरू कर मुंबई निवासी एक यात्री को बाहर निकालकर उपचार के लिए भेजा। घटना में एक किशोरी की मौत हो गई। वहीं, एनडीआरएफ से मिली जानकारी के अनुसार घटना स्थल से एक और शव बोल्डर और मलबे के नीचे से निकाला गया है। अन्य दबे लोगों की जानकारी जुटाई जा रही है।
जानकारी के अनुसार जानकीचट्टी यमुनोत्री पैदल मार्ग पर नौकैंची के समीप अचानक बोल्डर और मलबा गिर गया। उस दौरान पैदल मार्ग पर जा रहे करीब कई लोग बोल्डर के साथ खाई में जा गिरे। सूचना मिलने पर एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। बचाव अभियान के दौरान मलबे और बोल्डर के नीचे दबे मुंबई निवासी रशिक को बाहर निकालकर उपचार के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जानकीचट्टी भेजा। उनके सिर और हाथ पर चोट लगी है और वह खतरे से बाहर हैं।
रशिक ने बताया कि उनका एक दोस्त भी बोल्डर की चपेट में आया है।जबकि एक 12 वर्षीय किशोरी की बोल्डर की चपेट में आने से मौत हो गई, उसकी पहचान नहीं हो पाई है। मलबे में दबे लोगों की तलाश जारी है। डीएम प्रशांत आर्य ने बताया कि अभी तक तीन लोगों की पुष्टि हुई है। उसमें से एक घायल का उपचार चल रहा है। एक बच्ची का शव मिला है। वहीं घायल के अनुसार उसका एक साथी भी मलबे में दबा है।
सूचना मिलते ही एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची। टीम ने रास्ते में फंसे यात्रियों को भूस्खलन वाले क्षेत्र से बाहर निकाला।