देहरादून। जिज्ञासा विश्वविद्यालय में द्वितीय राष्ट्रीय सम्मेलन ऑन मल्टीडिसिप्लिनरी रिसर्च एंड इनोवेशन (NCMRI–2025) का आज शुभारंभ हुआ। उद्घाटन सत्र में कुलपति प्रो. (डॉ.) शंकर राममूर्ति ने कहा कि शोध किसी भी देश की प्रगति की सबसे मजबूत नींव होता है। उन्होंने छात्रों और शोधकर्ताओं को प्रेरित करते हुए बताया कि ऐसे सम्मेलन नए विचारों, सीखने और अनुभव बांटने का अच्छा अवसर प्रदान करते हैं।
मुख्य अतिथि कर्नल अजय कोठियाल ने अपने संबोधन में कहा कि इस तरह के सम्मेलन शोध और नवाचार के क्षेत्र में देश को आगे बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे शोध को समाज और राष्ट्र के विकास से जोड़कर देखें।
सम्मेलन के संयोजक प्रो. (डॉ.) मनीष शर्मा ने कहा कि शोध केवल शैक्षणिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि समाज के विकास का एक महत्त्वपूर्ण आधार है। उन्होंने बताया कि गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान ही वास्तविक परिवर्तन का मार्ग तैयार करता है।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के अध्यक्ष प्रो. (डॉ.) इरफान ख़ान ने सम्मेलन के सफल आयोजन पर अपनी शुभकामनाएँ दीं। उद्घाटन अवसर पर पत्रकारिता संकाय के डीन प्रो. (डॉ.) सुरेश नायक ने अपने वेलकम नोट में सभी अतिथियों, प्रतिभागियों और विशेषज्ञों का हार्दिक स्वागत किया।
कार्यक्रम कुलपति प्रो. (डॉ.) शंकर राममूर्ति के नेतृत्व में सफलतापूर्वक आयोजित हुआ। विश्वविद्यालय के कई गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहे।
दो दिवसीय NCMRI–2025 में देशभर से आए शोधकर्ता, शिक्षाविद और विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं। सम्मेलन के दौरान तकनीकी सत्र, विशेष व्याख्यान और शोध प्रस्तुतियाँ आयोजित की जाएंगी। विश्वविद्यालय ने इसे ज्ञान और नवाचार को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल बताया।


