क्षेत्र में लगातार बारिश के कारण स्यानाचट्टी में यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से देर शाम को लोग दशहत में आ गए। वह अपने होटल व घरों को खाली कर सामान को सुरक्षित स्थान पर ले गए। वहीं झील के मुहाने पर तीसरे दिन भी मशीनें नहीं पहुंच पाई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी स्याना चट्टी आपदा प्रभावित क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण करने पहुंचे।
गंगोत्री हाईवे नलूण के पास दूसरे दिन बाद यातायात के लिए बहाल हो गया है। इससे स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली। वहीं जंगलचट्टी और नारदचट्टी के पास यमुनोत्री हाईवे पांचवें दिन भी बंद रहा। भू-धंसाव के कारण एनएच विभाग को हाईवे खोलने में भारी दिक्कतें हो रही है।
यमुनोत्री हाईवे बंद होने से धाम सहित पांच गांव के ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जनपद में लगातार बारिश के कारण गंगोत्री हाईवे नलूणा के पास बड़ा भूस्खलन जोन उभरा है। सोमवार सुबह पहाड़ी से हुए भूस्खलन के कारण मार्ग पर भारी मात्रा में मलबा गिर गया था जिससे आवाजाही ठप हो गई थी।
लगातार पहाड़ी से पत्थर गिरने के कारण बीआरओ की मशीन हाईवे नहीं खोल पा रही थी जिससे कई गांव का संपर्क जिला मुख्यालय से कट गया था। वहीं प्रशासन नलूणा भूस्खलन जोन की ड्रोन से वीडियो और फोटाग्राफी करवाकर निगरानी कर रहा है। मंगलवार को दूसरे दिन बीआरओ ने यातायात के लिए हाईवे को सुचारू कर दिया जिस पर लोगों राहत की सांस ली।
दूसरी और यमुनोत्री हाईवे जंगलचट्टी और नारदचट्टी के पास पांचवें दिन भी बंद रहा। इससे यमुनोत्री धाम सहित पांच गांव के ग्रामीणों को भारी दिक्कतों का समाना करना पड़ रहा है। वहीं एनएसच के ईई मनोज रावत का कहना है कि लगातार कटाव और पहाड़ी से मलबा गिरने से हाईवे खोलने में दिक्कत हो रही है।